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सहकारी समितियों से नदारद हुई यूरिया

भरुआसुमेरपुर, संवाद सहयोगी : सहकारी समितियों से यूरिया खाद गायब होने से खुले बाजार में इसके दाम रोजा

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 06:27 PM (IST)

भरुआसुमेरपुर, संवाद सहयोगी : सहकारी समितियों से यूरिया खाद गायब होने से खुले बाजार में इसके दाम रोजाना आसमान छू रहे हैं। बरसात होने के बाद इसकी आज कल मांग अधिक हो गई है। मांग अधिक होने के कारण खाद बेंचने वाले दुकानदार निरंकुश हो गए हैं। निर्धारित दामों से अधिक दोगुने दामों में यूरिया खाद बेंचकर किसानों को लूट रहे हैं। बाजार के दामों में किसी तरह का अंकुश न होने के कारण किसानों में आक्रोश पनपता जा रहा है।

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क्षेत्र के सभी सहकारी समितियों से यूरिया खाद नदारत है। बरसात हो जाने के बाद फसलों में छिड़काव के लिए यूरिया खाद की किसानों को सख्त जरुरत है। सहकारी समितियों से यूरिया गायब होने के बाद किसानों के सामने बाजार के रास्ते के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है। जिस समय इसकी मांग नहीं थी उस समय यूरिया खाद के भाव सहकारी समितियों के निर्धारित 336 रुपये के सापेक्ष बाजार में 350 से लेकर 370 रुपये तक हुआ करते थे। लेकिन जैसे ही इसकी डिमांड हुई वैसे ही बाजार के दामों में अचानक उछाल आ गया है। इसके दामों में रातोंरात इजाफा हो गया है। बिरखेरा के सिकान जयराम, सुरेश यादव ने बताया कि दो दिन पूर्व यूरिया खाद के दाम खुलेबाजार में चार सै से अधिक नहीं थे। जबकि बुधवार को यह बाजार में पांच सौ रुपए प्रति बोरी के हिसाब से बिक रही है।


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