वनों की कटान से लुप्त हो रहे वन्य जीव
राठ, संवाद सहयोगी: राठ व सरीला क्षेत्र के जंगलों में पाये जाने वाले जानवरों की कई प्रजातियां जंगलों
राठ, संवाद सहयोगी: राठ व सरीला क्षेत्र के जंगलों में पाये जाने वाले जानवरों की कई प्रजातियां जंगलों की कटान तथा प्राकृतिक परवेश के बदलने से लुप्त प्राय हो गयी। पहले कभी मझगवां, जलालपुर,भेडी और रौंरौ के जंगलों में बिजली जाति के तेंदु,चीता,शेर,लकड़बग्घा,सेही,बारह सिंगा,हिरन,अजगर पाये जाते थे। परन्तु वनों की अंधाधुंध कटाव के चलते बिजली जाति के जानवर करीब दो दशक से नही देखे गये। यहीं हाल बारह सिंगा व हिरन का है जो यदाकदा दिखाई दे जाते है। लकड़बग्घा,सेही,अजगर,खरगोश,जंगली सुअर,नील गाय,गोह,जंगलों में आज भी बड़ी संख्या में पाये जाते है। लेकिन पानी की कमी तथा वनों की कटान को यदि रोका नही गया तो यह जातियां भी अतीत के जानवर हो जायेंगे। यहीं हाल वनस्पति तथा अन्य फलदार पेड़ों का है। पहले यहां बड़ी संख्या में महुआ,बेल,इमली,छेवला, कैंथा,के पेड़ पाये जाते थे। इसके अलावा मझगवां के जंगल में विभिन्न कीमती जड़ी-बूटियां पाई जाती थी। लेकिन अब वह भी कम हो गयी है। प्रदेश सरकार तथा वन विभाग को इस और विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि जंगली जानवरों व जड़ी-बूटियों को बचाया जा सके।