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गेहूं की फसल खराब देख किसान ने जान दी

-दो साल से खेती में हो रहा था घाटा, 18 बीघा है जमीन राठ, (हमीरपुर) संवाद सहयोगी: बदहाल बुंदेलखंड म

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 07:52 PM (IST)
गेहूं की फसल खराब 
देख किसान ने जान दी

-दो साल से खेती में हो रहा था घाटा, 18 बीघा है जमीन

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राठ, (हमीरपुर) संवाद सहयोगी: बदहाल बुंदेलखंड में अब एक और किसान ने घर में सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। दो साल से खेती में घाटा सहते आ रहे राठ क्षेत्र के टूका गांव के अमरचंद्र की हिम्मत इस बार खेत में गेहूं की फसल खराब देखकर टूट गई।

चचेरे भाई छन्नू लाल ने बताया कि अमरचंद्र (52 वर्ष) फायदा कमाने के लिए अपनी 18 बीघा कृषि योग्य भूमि में विभिन्न फसलों की बुवाई व रोपाई करते थे। दो सालों से उन्हें खेती में घाटा हो रहा था। स्थिति यहां तक बिगड़ गई कि परिवार के भरण पोषण में भी परेशानी आने लगी। दो साल के घाटे से टूट चुके अमरचंद ने बड़ी उम्मीद से इस बार गेहूं की फसल बोई। लेकिन किस्मत ने फिर धोखा दे दिया। अंकुरण ठीक न देख वह परेशान रहने लगे। मंगलवार को जब उनकी पत्नी जामबती खाद लेने इटौरा गांव गई थी और परिवार के सभी सदस्य अपने कार्यो में व्यस्त थे तभी उन्होंने सल्फास खा लिया। इस बीच घर पहुंचीं उनकी पत्नी ने पति की हालत गंभीर देख शोर मचाया। इसके बाद उन्हें आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया। हालत नाजुक होने पर डाक्टर ने झांसी रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। किसान के एक पुत्र व चार पुत्रियां हैं। पत्नी व बच्चों का रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

''मामले की जानकारी नहीं है, यदि इस तरह की घटना है तो लेखपाल को मौके पर भेजकर जांच कराई जाएगी।''

- परशुराम पटेल, तहसीलदार राठ।


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