भाजपा हाईकामन के निशाने पर 'विभीषण'
हमीरपुर, जागरण संवाददाता: भाजपा की सीट छिन जाने से हाईकमान भी हरकत में आ गया है। चार माह पहले जो तस्वीर थी उसके विपरीत नतीजे आने पर पदाधिकारी ही नहीं ऊपर बैठे नेता भी सकते में हैं। जिलाध्यक्ष को तुरंत जिले के उन भेदियों की रिपोर्ट मांगी है जो विपक्षी से मिल गए थे। जिलाध्यक्ष ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।
हमीरपुर सदर और महोबा की चरखारी सीट भाजपा की थी। संसदीय चुनाव के दौरान रिक्त हुई सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी को अपनी दोनों सीटें गंवानी पड़ीं। चरखारी में उमा भारती तथा हमीरपुर सदर में साध्वी निरंजन ज्योति यहां करीब दो साल तक विधायक रहीं। लोगों में कहीं न कहीं उनके कार्यो को लेकर भी आक्रोश रहा। उसी का फायदा विपक्षी उठा ले गए। वहीं उपचुनाव के दौरान सपा के करीब एक दर्जन मंत्री सहित अन्य माफियाओं ने भाजपा के कुछ असंतुष्ट पदाधिकारियों को मिला लिया था। जो पार्टी की रिपोर्ट ही लीक नहीं करते थे बल्कि जातीय समीकरण के आधार पर उन्हें फायदे भी पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी का परिणाम रहा कि पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि पार्टी की हार पर मंथन शुरू हो चुका है। उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी में कई सीनियर पदाधिकारी और कार्यकर्ता सपा मंत्रियों से मिलने जाते थे। उनके नाम तो नहीं बता सकते लेकिन सुबूत पुख्ता हैं। इनकी रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जा रही है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रंवाई की जाएगी।