सद्गुरु की शरण से जीवन होता सुखी
हमीरपुर, जागरण संवाददाता : जीवन को सुखी बनाने के लिए सद्गुरु की शरण लेना जरूरी है। जब गुरु जीवन में आ जाते हैं और ध्यान में बस जाते हैं, तो हर कार्य सुचारू रूप से चलने लगता है। यह उपदेश संत निरंकारी सत्संग में डा. सुनील कुमार ने दिए।
उन्होंने रविवार को निरंकारी भवन में आयोजित सत्संग में बताया-मनुष्य का जन्म बड़े भाग्य से होता है, यदि हम इसके बाद भी इसकी कीमत न समझे तो इससे बड़ा कोई दुर्भाग्य नहीं है। उन्होंने ऊंच नीच, जाति पाति के भेदभाव से उठकर परस्पर व्यवहार करते हुए सद्गुरु के निर्देश पर चलकर अपनों के जीवन सफल बनाना चाहिए। यही मिशन का उद्देश्य भी है। यहां मंगेशलता खेर, दिनेश, गयदीन, संगीता सैनी, वंदना, विधु सचान, ज्योति, माता स्वर्ण कौर, माता रानी देवी मौजूद रही। यहां बहन मालती देवी के पुत्र संदीप निरंकारी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया।