विधान सभा में उठा कृषि विवि की स्थापना का मुद्दा
गोरखपुर : विधान सभा में गुरुवार को गोरखपुर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना का मुद्दा उठा। विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार को सदन में जवाब देने के लिए निर्देशित किया है।
भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक व नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने बताया कि नियम 301 के तहत पूर्वी यूपी के किसानों की बदहाली का चित्रण करते हुए गोरखपुर में कृषि विवि की स्थापना किए जाने की मांग सरकार से की। उन्होंने सदन में कहा कि पूर्वी यूपी को गन्ना उत्पादक क्षेत्र कहा जाता है। इसके बाद भी यहां पर नये शोध न होने से गन्ने की उत्पादकता प्रति हेक्टेअर सिर्फ 520 क्विंटल है जबकि तमिलनाडु में 1150 क्विंटल है। पूर्वी यूपी में पश्चिम की तुलना में गेहूं, धान व अरहर भी कम पैदा होती है। उत्पादन तभी बढ़ेगा जब गोरखपुर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हो।
डा. अग्रवाल ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां भू-गुणवत्ता, मौसम, जैव विविधता, फसलों के विविध आयाम, जल-जमाव, अम्लीकरण, क्षारीयकरण आदि में भिन्नता है। इसी से गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर आदि जिले एक अलग क्लाइमेटिक जोन का निर्माण करते हैं। प्रदेश के अन्य आठ एग्रो क्लाइमेटिक जोन में स्थापित कृषि अनुसंधान केंद्र एवं कृषि विश्वविद्यालयों की शोध प्राथमिकता उनके अपने क्षेत्र के लिये होती हैं। ये शोध पूर्वी यूपी की कृषि पारिस्थितिकी पर लागू नहीं हो पा रहे हैं।
डा अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसी स्थिति में पूर्वी यूपी के किसानों व यहां की कृषि की बदहाली तभी दूर होगी जब यहां युवा कृषि वैज्ञानिक तैयार होंगे जो यहां स्थापित होने वाले कृषि विश्वविद्यालय में पूर्वी यूपी की समस्त कृषि समस्याओं पर वैज्ञानिक अनुसंधान करेंगे।
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