दोराहे पर खड़ा है क्षेत्र का पर्यटन विकास
गोरखपुर : योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तो लंबे समय से सुस्त पड़े गोरखपुर के पर्यटन विभाग की हलचल
गोरखपुर : योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तो लंबे समय से सुस्त पड़े गोरखपुर के पर्यटन विभाग की हलचल भी बढ़ गई। फाइलों से धूल हटाई गई और पुरानी योजनाओं को गति देने का प्रयास शुरू हो गया। महत्वाकांक्षी रामगढ़ताल की वाटर स्पोर्ट्स योजना का फिर से खाका तैयार हुआ तो शहीद स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्य योजना भी नए सिरे से बनाई जाने लगी ।
कार्य में गति आई तो अधिकारियों की कमी का मामला प्रकाश में आया। पड़ताल करने पर पता चला कि परिक्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक अधिकारी अपने रसूख के बल पर लखनऊ मुख्यालय में डेरा जमाए हुए हैं। बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो आनन-फानन वाराणसी के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र मिश्रा को गोरखपुर में तैनात करके इस पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। नए क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने आते ही तेजी दिखाई और सबसे पहले चार करोड़ की लागत से गोरखनाथ मंदिर में शुरू होने वाले लाइट एंड साउंड शो पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
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31 करोड़ का है वाटर स्पोटर्स प्रस्ताव
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद तत्कालीन उप निदेशक पर्यटन आरके रावत ने रामगढ़ताल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए एक बार फिर से योजना बनाई। जल निगम से नई कार्ययोजना तैयार कराई गई। जल निगम द्वारा तैयार की गई 31 करोड़ की कार्य योजना के प्रस्ताव को संस्तुति के लिए शासन को भेज दिया गया। प्रस्ताव भेजे हुए डेढ़ महीने से अधिक का वक्त हो गया लेकिन अभी तक पर्यटन विभाग यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यह योजना कब तक लोगों का मनोरंजन करने में कामयाब हो सकेगी।
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नहीं बढ़ सकी शहीद स्थलों की फाइलें
पर्यटन विभाग ने चौरीचौरा का शहीद स्मारक, तरकुलहा में शहीद बंधु सिंह स्मारक, डोहरिया कलां शहीद स्मारक और मंडलीय कारागार में मौजूद पं. राम प्रसाद बिस्मिल स्मारक को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई। चारो स्थलों का मौका मुआयना कर डीपीआर तैयार किया गया, लेकिन महीने भर से अधिक का समय बीतने के बाद भी इसे लेकर पर्यटन विभाग के पास बताने के लिए कुछ खास नहीं है।