ट्रेन के गुजरते समय क्रासिंग पर बज उठेगा हूटर
गोरखपुर : देश में 40 फीसद दुर्घटनाएं मानव रहित समपार फाटकों पर होती हैं। इन दुर्घटनाओं में 68 फीसद
गोरखपुर : देश में 40 फीसद दुर्घटनाएं मानव रहित समपार फाटकों पर होती हैं। इन दुर्घटनाओं में 68 फीसद लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे एक अभिनव प्रयोग करने जा रहा है। अब फाटकों से गुजरते समय हूटर बजेगा, जो गुजरने वाले लोगों को सतर्क करेगा। फिलहाल यह प्रयोग दिल्ली से गुवाहाटी के बीच चलने वाली और मुंबई की राजधानी ट्रेनों में किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसका प्रयोग पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के समस्त रेल खंडों पर किया जाएगा।
मानव रहित समपार फाटकों पर हूटर बजाने के लिए ट्रेनों के इंजन में इंटिग्रेटेड सर्किट चिप लगाई जाएगी। चिप से जुड़े हूटर फाटकों पर स्थापित किए जाएंगे। ट्रेन जैसे ही फाटक के 500 मीटर के करीब पहुंचेगी, वैसे ही सैटेलाइट की मदद से चिप और हूटर संपर्क में आ जाएंगे और इसके साथ ही हूटर बजना शुरू हो जाएगा। ट्रेन के समपार के पास पहुंचने पर हूटर की आवाज तेज हो जाएगी। ट्रेन के समपार पार करते ही हूटर की आवाज अपने आप बंद हो जाएगी। हूटर बजने के साथ ही समपार पार करने वाले लोग सतर्क होकर रुक जाएंगे। ट्रेन के गुजरने का इंतजार करेंगे फिर समपार पार करेंगे। इस पूरे सिस्टम को इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन (इसरो) तैयार कर रहा है। इंजनों में चिप के लग जाने से ट्रेनों की भी वास्तविक जानकारी मिलती रहेगी।
हालांकि, रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2020 तक देश भर के मानव रहित समपार फाटकों को व्यवस्थित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए फाटकों को मानव सहित किया जा रहा है। कुछ को बंद किया जा रहा है तो कहीं सब-वे का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। फाटकों पर गेटमित्र तैनात किए जा रहे हैं। रेलवे प्रशासन के प्रयास से दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है। रेलवे के सामने यह एक बड़ी चुनौती है। पूर्वोत्तर रेलवे में आज भी 725 मानव रहित समपार फाटक दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।