अब हर थाने से छह टीमें करेंगी पैदल गश्त
गोरखपुर: अब सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए ही पैदल गश्त नहीं होगी बल्कि हर थाने से छह टीम, अलग-अल
गोरखपुर: अब सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए ही पैदल गश्त नहीं होगी बल्कि हर थाने से छह टीम, अलग-अलग इलाकों में पैदल गश्त करेंगी। इसके लिए शेड्यूल भी बनाया गया है ताकि हर समय सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी दिखाई दे। पैदल गश्त पर निकलने वाले पुलिसकर्मी बाजार में व्यापारियों और आम लोगों से बात तो करेंगे ही, लोगों को अपना विजिटिंग कार्ड भी देंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर लोग पुलिस से संपर्क कर सके। इस दौरान वाहनों की चेकिंग भी करनी होगी और यातायात व्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा।
अधिकारियों से लेकर सिपाही तक पैदल गश्त करने के प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में इसकी शुरुआत की गई थी। अभी तक थानों से आठ सिपाहियों का दस्ता पैदल गश्त पर निकलता था। कार्रवाई के नाम पर यह टीम अतिक्त्रमण हटवाती थी। पैदल गश्त पर निकलने वाली टीम द्वारा जाने वाली कार्रवाई की समीक्षा करने के बाद आइजी ने प्रत्येक थाने से छह टीमों के पैदल गश्त करने का निर्देश दिया है। नई व्यवस्था में पैदल गश्त पर निकलने वाली टीम गश्त पर जाने से पहले रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करेगी और वापस लौटकर आने के बाद उसी रजिस्टर में की गई कार्रवाई के विवरण दर्ज करेगी।
आईजी मोहित अग्रवाल ने इस संबंध में जोन के सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर नई व्यवस्था में पैदल गश्त कराने का निर्देश दिया है। आईजी का मानना है कि पैदल गश्त पर भी पुलिस वाले रूट मार्च की तरह ही निकलते है जिस वजह से व्यापारी और आम लोग अपनी बात नहीं कह पाते हैं। इसमें सुधार की पहल की जा रही है।
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यह करना होगा काम
- बिना नंबर की गाड़ियों को पकड़ना होगा
- कम उम्र के तीन सवारी लड़कों को रोककर डिग्गी चेक करना होगा
- व्यापारी, आम लोगों को विजिटिंग कार्ड देना होगा
- यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त करना होगा
- शरारती लड़कों को पर कार्रवाई करनी होगी
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नई व्यवस्था में हर थाने से छह टीमें पैदल गश्त निकलेंगी। ये टीमें पहले अतिक्रमण पर ही कार्रवाई करती थीं लेकिन अब उन्हें संदिग्ध लोगों, बिना नंबर की गाड़ियों को चेक करने के साथ ही यातायात व्यवस्था ठीक रखने का भी काम करना होगा। रोज कार्रवाई का विवरण भी उन्हें देना होगा।
मोहित अग्रवाल, आईजी