अस्तित्व बचाने के लिए मंदिर पहुंचे सपेरे
गोरखपुर : यूं तो समस्या के समाधान की उम्मीद के साथ हर रोज सैकड़ों फरियादी गोरखनाथ मंदिर कार्यालय प
गोरखपुर :
यूं तो समस्या के समाधान की उम्मीद के साथ हर रोज सैकड़ों फरियादी गोरखनाथ मंदिर कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन शनिवार को दर्जन भर लोगों की एक टोली सभी का ध्यान खींच रही थी। यह टोली उन सपेरों की थी, जो मेरठ और फरीदाबाद से अस्तित्व बचाने की उम्मीद के साथ मंदिर में पहुंचे थे। उन्हें भरोसा था कि मंदिर से उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।
सपेरों ने बताया कि वह सभी नाथ सम्प्रदाय के हैं। साप पालना एवं साप का खेल दिखाना उनका खानदानी पेशा है। कई पुश्त से वह इस कार्य को करते चले आ रहे हैं। साप का खेल दिखाकर हम अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। पूर्व की सरकार द्वारा साप को रखने एवं उनका खेल दिखाने को प्रतिबंधित कर दिया। अब वन विभाग एवं पुलिस द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। इस डर से उन्होंने अपना काम बंद कर दिया है। ऐसे में उनके सामने अस्तित्व को बचाए रखने का संकट खड़ा हो गया है। सपेरों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 2003 में वहा के सपेरों को लाइसेंस जारी कर दिया। लेकिन अन्य प्रदेशों में सपेरों को लाइसेंस जारी करने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने योगी से मांग की है कि उन्हें पूरे देश में सांप पालने का लाइसेंस जारी कराएं। फरीदाबाद के राजपुर गांव से आई टोली में राजेंद्र नाथ, रतन नाथ, सुभाष नाथ, मोहन नाथ व सतीश नाथ शामिल थे जबकि मेरठ के समसपुर से की टोली में अजीत नाथ, नितेश नाथ, सोनू नाथ एवं उदगम नाथ थे।
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सपेरा जाति का जारी हो प्रमाण पत्र
मेरठ के सपेरों ने लाइसेंस जारी करने के साथ ही सपेरा जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी करने की भी मुख्यमंत्री से माग की है। इन सपेरों का कहना है कि जब हम लोग किसी भी योजना का लाभ लेने का प्रयास करते हैं तो हमारी जाति का रिकार्ड नहीं होने के कारण यह लाभ हमें नहीं मिल पाता। अगर जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा तो हम भी समाज की मुख्यधारा में होंगे।