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रंगमंच की समसामयिक स्थिति पर मंथन

गोरखपुर : विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर वरदा आर्ट इंस्टीट्यूट की ओर से सोमवार को सूर्यकुंड में रंगकर्

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 02:23 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 02:23 AM (IST)
रंगमंच की समसामयिक स्थिति पर मंथन

गोरखपुर : विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर वरदा आर्ट इंस्टीट्यूट की ओर से सोमवार को सूर्यकुंड में रंगकर्मियों की बैठक आयोजित हुई। इसमें रंगकर्मियों ने गोरखपुर रंगमंच की समसामयिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा की शुरुआत विश्व रंगमंच दिवस के इतिहास पर बातचीत के साथ हुई।

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संस्थान की सचिव और रंगकर्मी रीना जायसवाल ने बताया कि 27 मार्च को ही जेनेवा में पहली बार विश्व के जानेमाने रंगकर्मियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में देश के प्रसिद्ध रंगकर्मी गिरीश कर्नाड ने इस दिन को विश्व रंगमंच दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव रखा और तभी से इसे इस रूप में मनाया जाता है। बैठक में नाट्य की उत्पत्ति से लेकर भरत मुनि के नाट्य शास्त्र तक पर रंगकर्मियों ने अपना पक्ष रखा। इस दौरान शहर में कलाकारों के लिए मंच की नामौजूदगी पर गंभीर चिंता जताई गई। इस अवसर पर संस्था की ओर से वरिष्ठ रंगकर्मी रवींद्र रंगधर और मुख सज्जाकार राधेश्याम को सम्मानित किया गया। संचालन मानवेंद्र त्रिपाठी और आभार ज्ञापन रीना जायसवाल ने किया। बैठक में अजीत प्रताप सिंह, राधेश्याम, अमित पटेल, अमर श्रीवास्तव, नवनीत जायसवाल, शायरा सिद्दकी, आदित्य सिंह, पिन्टू प्रीतम, संजू राज खान, तुषार रुंगटा आदि मौजूद रहे।


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