देश को एकसूत्र में बांधती है राजभाषा
गोरखपुर : भारत बड़े भू-भाग पर फैला सांस्कृतिक विविधताओं का देश है, जिसे एकसूत्र में बांधने और प्रगति
गोरखपुर : भारत बड़े भू-भाग पर फैला सांस्कृतिक विविधताओं का देश है, जिसे एकसूत्र में बांधने और प्रगति पथ पर अग्रसर करने में राजभाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भाषा के साथ मन से जुड़ाव आवश्यक है। यही एक तत्व है, जो राजभाषा के प्रयोग व प्रसार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम है।
यह बातें पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य राजभाषा अधिकारी व मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अजय कुमार सिंह ने कही। वह सोमवार को रेल मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अखिल रेल ¨हदी निबंध, वाक् तथा टिप्पण व प्रारूप लेखन प्रतियोगिता- 2016 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रतियोगिता की औपचारिक घोषणा के बाद उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रतिभागी अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन कर राजभाषा के प्रति प्रतिबद्धता दोहराएंगे।
रेलवे बोर्ड नई दिल्ली के उपनिदेशक राजभाषा रिसाल सिंह ने प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ¨हदी के प्रयोग और प्रसार एवं इसके प्रति अभिरुचि संवर्धित करने के उद्देश्य से ही प्रतियोगिता आयोजित की गई है। समस्त क्षेत्रीय रेल व उत्पादन इकाइयों के कुल 160 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। पहले दिन प्रथम सत्र में टिप्पण एवं प्रारूप लेखन तथा द्वितीय सत्र में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। दूसरे दिन वाक् प्रतियोगिता होगी। समापन पर 7 दिसंबर को विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। संचालन राजभाषा अधिकारी धु्रव कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एमएन दूबे, वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी वी डुंगडुंग, राजेंद्र कुमार, राजभाषा अधिकारी डा.संजय सिंह, कमलासिनी तिवारी और शैलेष मिश्र आदि अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।