दीनदयाल के रास्ते से आएंगे अच्छे दिन: नाईक
गोरखपुर : राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति के सुख की कामना करने वाले पं. दी
गोरखपुर : राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति के सुख की कामना करने वाले पं. दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांत हमारे पथ-प्रदर्शक हैं। नर सेवा नारायण सेवा की मूल भावना के साथ अंत्योदय और एकात्म मानववाद का सिद्धांत वास्तव में जनकल्याण के लिए है। इन्हें अपना सूत्र मानकर अगर प्रयास किए जाएं तो समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति के अच्छे दिन जरूर आएंगे।'
राज्यपाल और राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राम नाईक दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पं.दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति की स्थापना के लिए आधारशिला रखी। नाईक ने कहा कि पं.दीनदयाल के बताए मार्ग वास्तव में सामाजिक, शैक्षिक और राजनैतिक क्षेत्र में सफलता के मंत्र हैं। हमें उन्हें आत्मसात करना होगा। उन्होंने पं.दीनदयाल द्वारा बतौर जनसंघ अध्यक्ष केरल में वर्ष 1967 में दिए गए प्रसिद्ध भाषण के अंश भी पढ़कर सुनाए।
उप्र के दो विचारकों से प्रभावित है राजनीति : राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक देश को नौ प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन राम मनोहर लोहिया और पं.दीनदयाल उपाध्याय के रूप में दो ऐसे विचारक भी दिए, जिनके विचारों से देश की राजनीति प्रभावित है। लोहिया की बात करते हुए उन्होंने संसद में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और लोहिया के बीच होने वाली जोरदार बहसों का भी उल्लेख किया।
इससे पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के लिए पं.दीनदयाल के सिद्धांतों को अपनाने की बात कही। कुलपति ने कहा कि वर्ष 1997 में विश्वविद्यालय ने पं.दीनदयाल के नाम को धारण किया, तबसे अब तक उनके बताए मार्ग पर विश्वविद्यालय का पथ-प्रशस्त करते रहे हैं। जयंती समारोह में पं.दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह समिति के संयोजक प्रो.एचएस शुक्ल ने बीते एक वर्ष में जन्मशती समारोह अंतर्गत हुए आयोजनों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्राचीन इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो.विपुला दुबे ने किया।
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12 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा से मिलेगी छात्रों को प्रेरणा
जयंती अवसर पर कुलाधिपति नाईक ने विश्वविद्यालय परिसर में पं.दीनदयाल की 12 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापना की आधारशिला रखी। नाईक ने कहा कि पूर्व में जब भी विश्वविद्यालय परिसर आया तो प्रतिमा की कमी को महसूस किया। अब जबकि यह प्रतिमा यहां स्थापित हो रही है, तो युवा पंडित जी से अधिक जुड़ाव महसूस कर सकेंगे। उन्होंने कुलपति से कहा कि शिलान्यास मैने किया है तो प्रतिमा अनावरण में भी उन्हें जरूर आमंत्रित करें। कुलपति प्रो.अशोक कुमार ने बताया कि जल्द ही 12 फीट ऊंची कांस्य की भव्य प्रतिमा यहां स्थापित की जाएगी। इसके लिए तैयारी जोरों पर है।
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सबसे पहले छात्रसंघ चुनाव कराने पर कुलपति को दी बधाई :
कुलाधिपति नाईक ने लंबे अंतराल के बाद इस सत्र में सबसे पहले छात्रसंघ चुनाव संपन्न कराने के लिए कुलपति प्रो.अशोक कुमार को बधाई दी। साथ ही नवनिर्वाचित पदाधिकारियों से अपेक्षा की, वे अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे।
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