मोदी की अपील, सामाजिक कार्य में आगे आएं संत
गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों का आह्वान किया है कि वे स्वच्छता अभियान व सामाजिक कार्य
गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों का आह्वान किया है कि वे स्वच्छता अभियान व सामाजिक कार्यो से जुड़ें और उसे गति प्रदान करें। नाथ संप्रदाय सहित अन्य परंपराओं की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि समय व परिस्थितियों के अनुसार इन परंपराओं ने परिवर्तन को स्वीकार किया। विज्ञान को अंगीकार किया और तेजी से सामाजिक सेवा से जुड़े। आज संत समाज बढ़चढ़ कर इन कार्यो में आगे आ रहा है।
वह गोरखनाथ मंदिर परिसर में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण करने के बाद दिग्विजयनाथ समृति सभागार में जुटे संतों को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि आज कई स्थानों पर संतों के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान, चिकित्सा शिविर या फिर पशुओं के आरोग्य के अभियान आगे बढ़ रहे हैं। संत शिक्षण संस्थाओं, अस्पतालों के जरिए समाज व देश सेवा का काम कर रहे हैं। देश की सभी संत परंपराओं को सेवा भावना से जोड़ते हुए कहा कि जितनी भी परंपराएं हैं उनमें एक बात समान है। संत के दरवाजे से कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं जा सकता। संत चाहे झोपड़ी में बैठे हों, लेकिन वहां पहुंचने वाले से जरूर पूछते हैं कि प्रसाद लिया या नहीं।
महंत अवेद्यनाथ की मिसाल देते हुए मोदी ने कहा कि वह आजादी की लड़ाई लड़ने के साथ देश के पुनर्विकास से जुड़े। इसके बाद सामाजिक चेतना जगाने का कार्य किया। अब इसी परंपरा को योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ा रहे हैं। महंत अवेद्यनाथ से अपने संबंधों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि राजनीति में आने से पहले से वह महंत अवेद्यनाथ को जानते रहे हैं। गुजरात में अनेक बार मुलाकात हुई और नाथ संप्रदाय व संत परंपराओं के बारे में काफी कुछ उनसे जानने को मिला।
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योगी को सीएम बनाने की गूंज
दिग्विजय नाथ स्मृति सभागार में आयोजित संत सम्मेलन में मोदी के मंच पर आने के पहले ज्यादातर संतों ने अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की मांग उठाई। कुछ ने इशारों में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं तो कई ने सीधे शब्दों में अपनी बात कही। अधिकतर संतों ने विभिन्न तरीकों से योगी आदित्यनाथ को भाजपा का चेहरा बनाए जाने की मांग की। कहा कि प्रदेश में योगी लहर चल रही है। एक संत ने यहां तक कहा कि वह प्रधानमंत्री के सामने अपनी बातें रखना चाहते थे, लेकिन आने पर बोलने का समय नहीं मिल सकता। फिर भी उन्हें पूरा विश्वास है कि यहां मौजूद तमाम सूत्रों व एजेंसियों के जरिए उनकी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचेगी।
इस मौके पर महंत नृत्यगोपाल दास, महंत गुलाब नाथ, महंत सुरेशदास, स्वामी हरिनारायणानंद, स्वामी श्यामदास, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य, जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी बासुदेवाचार्य, स्वामी चिन्मयानंद, महंत नरहरिनाथ, स्वामी निर्मलानंदनाथ, महंत चेताईनाथ ओर स्वामी श्रवणानंद सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए बड़ी संख्या में संत मौजूद थे।
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उठा राम मंदिर का मुद्दा
संतों के मंच से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने की मांग उठी। यह कहा कि महंत अवेद्यनाथ श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष रहे हैं। उनकी इच्छा भी भव्य राम मंदिर में निर्माण की ही थी।
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