डाक्टर को महंगा पड़ा दवा घोटाले का खुलासा
गोरखपुर जिला होम्योपैथ अस्पताल में दवा खरीद में घोटाले का आरोप लगाने वाले डा. अनूप श्रीवास्तव की प
गोरखपुर
जिला होम्योपैथ अस्पताल में दवा खरीद में घोटाले का आरोप लगाने वाले डा. अनूप श्रीवास्तव की पत्नी व होम्योपैथ अस्पताल में कार्यरत डा. पुनीत श्रीवास्तव की संबद्धता निरस्त कर दी गई है। गाजीपुर में ज्वाइंन करने का आदेश दिया गया है। डा.श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि दवा घोटाले को सार्वजनिक करने के चलते उनकी पत्नी के विरुद्ध यह कार्रवाई की गई।
पत्र में उन्होंने कहा है दवाओं व अन्य खरीद फरोख्त में की गई वित्तीय अनियमितता के संबंध में उन्होंने जिला होम्योपैथ अधिकारी के विरुद्ध शिकायत की थी, जिसकी जांच जिलाधिकारी के आदेश पर चल रही है। इसी से जिला होम्योपैथ अधिकारी नाराज थे। उनके द्वारा शिकायत वापस लेने के लिए दवाब डाला जा रहा था। यह भी धमकी दी जाती रही है कि शिकायत वापस नहीं लेने पर वह डाक्टर श्रीवास्तव व उनकी पत्नी के विरुद्ध डीओ लेटर लिखकर उनका तबादला करवा देंगे तथा वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि खराब कर देंगे।
यह आरोप लगाया है कि जिला होम्योपैथ अधिकारी ने उनकी पत्नी के विरुद्ध तथ्यहीन, निराधार शिकायत करते हुए निदेशक से संबद्धता आदेश निरस्त कराने की सिफारिश की थी। पत्र में निदेशक से मामले का संज्ञान लेते हुए जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
-------------
यह है मामला
पिछले दिनों डीएम को दिए गए शिकायती पत्र में गोरखपुर जिला होम्योपैथ अस्पताल के डा. अनूप श्रीवास्तव ने जिला होम्योपैथ चिकित्साधिकारी पर आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में अस्पतालों दवाओं व ग्लोब्युल्स (गोलियों) के क्रय के लिए एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित की गई थी, लेकिन कागजों में लाखों रुपये की दवाएं, गोली, शीशी आदि की खरीद फरोख्त दर्शाते हुए सरकारी धन की बंदरबांट की गई। अस्पताल में 2500 पौंड ग्लोब्युल्स से अधिक की मात्रा की कागजों में क्रय व आपूर्ति की गई है, जबकि 50 पौंड दवा भी नहीं आई है। अन्य गंभीर आरोप भी लगाए गए थे। जवाब में जिला होम्योपैथ अधिकारी डा. एसएस सिंह ने पत्र के जरिए सभी आरोपों को मनगढ़ंत बताया था। ---------------
डा. अनूप श्रीवास्तव की पत्नी की संबद्धता निदेशक ने रद की है। इसका मुझसे कोई संबंध नहीं है। जहां तक मुझ पर आरोप का सवाल है तो डा. श्रीवास्तव की यह प्रवृत्ति रही है। दवा के संबंध में भी वह पहले निराधार आरोप लगा चुके हैं।
डा. एसएस सिंह, जिला होम्योपैथ अधिकारी
--------