लुटेरो के गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, गोरखपुर बेलीपार पुलिस ने दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लूट की पंद्रह घटनाओं का
जागरण संवाददाता, गोरखपुर
बेलीपार पुलिस ने दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लूट की पंद्रह घटनाओं का पर्दाफाश करने का दावा किया है। उनकी निशानदेही पर लूट की बाइक, मोबाइल, नकदी व तमंचा बरामद किया गया है। बताते हैं कि पकड़े गए दोनों इन बदमाशों के गैंग का संचालन संचालक दीयारा में कभी काफी कुख्यात रहे अमरजीत यादव का खास गुर्गा सुभाष यादव करता है। गिरफ्तार किए गए बदमाशों में अमरजीत यादव का एक करीबी रिश्तेदार भी शामिल है।
एसएसपी अनंत देव ने पुलिस लाइन में गुरुवार को बताया कि आपरेशन क्लिन स्वीप के तहत बेलीपार पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम को लुटेरों की गिरफ्तारी का संयुक्त टास्क दिया गया था। इसी टीम ने बुधवार की शाम को मुखबिर की सूचना पर बेलीपार में बाघागाड़ा-जरलही मार्ग से बाइक सवार दो संदिग्धों को पकड़ा। तलाशी लिए जाने पर उनके पास से बारह बोर का एक तमंचा और दो कारतूस बरामद हुआ। बाद में पूछताछ करने पर पता चला कि उनका संबंध लुटेरों के एक बड़े गैंग से है और उनके पास मौजूद बाइक लूट की ही है। बाद में उनकी निशानदेही पर लूट का सामान बरामद किया गया।
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इनकी हुई गिरफ्तारी
- सहनदेवा, बेलघाट निवासी अंकित उर्फ अश्वनी यादव
- रामपुर गोसाई डढि़या, बेलघाट निवासी सुनील यादव
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यह हुई बरामदगी
- 12 बोर का एक तमंचा व 2 कारतूस
- लूटा गया छह मोबाइल हैंड सेट
- लूटा गया आधार कार्ड
- सात हजार रुपया नकद
- लूट गई बाइक
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इन घटनाओं का हुआ खुलासा
- बड़हलगंज में इस साल 22 जनवरी व पिछले साल 2 अगस्त को हुई लूट
- बेलीपार में पिछले साल 3 व 8 जून, 12 अगस्त, 7 नवंबर को हुई लूट
- गगहा में 18 नवंबर 2015 को हुई लूट
- गोला में पिछले साल 3 जून, 15 अगस्त, 3 सितंबर और 29 नवंबर को हुई लूट
- सिकरीगंज में पिछले साल 4 दिसंबर को हुई लूट
- इसके अलावा खोराबार और धनघटा (संतकबीरनगर) में इस साल तथा झगहा में पिछले साल हुई लूट
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सुभाष यादव जेल से चलाता है गैंग
गिरफ्तार किए गए बदमाश जिस गैंग से ताल्लुक रखते हैं, उसका सरगना गोरखपुर जिला कारागार में बंद सुभाष यादव है। जेल से ही वह अपने गैंग का संचालन करता है। उसके गुर्गे नियमित रूप से जेल में उससे मिलने आते हैं। इसी दौरान वह उन्हें आदेश-निर्देश देता है। पूछताछ में इस बात का खुलासा होने के बाद पुलिस जेल में सुभाष यादव की लगाम कसने की तैयारी में है।
बेलघाट थाना क्षेत्र के मीरपुर निवासी सुभाष यादव एक समय दीयारा का आतंक कहे जाने वाले अमरजीत यादव का सबसे करीबी था। दो साल पहले अमरजीत के गिरफ्तार हो जाने के बाद गैंग के बदमाशों को नए सिरे संगठित कर सुभाष यादव उसका सरगना बन गया। यह गैंग मुख्य रूप से लूट की घटनाओं को अंजाम देता है। यहां बता दें कि गोरखपुर, आजमगढ़, अंबेडकरनगर और संतकबीरनगर की सीमा पर सरयू नदी के दोनों तरफ फैले सरपत के जंगल को स्थानीय लोग दीयारा कहते हैं। यही दीयारा क्षेत्र कभी अमरजीत यादव की शरणस्थली हुआ करता था और अब सुभाष यादव गैंग के बदमाशों ने इसे अपनी शरणस्थली बना रखी है।
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गैंग में शामिल हैं 28 बदमाश : सुभाष यादव के गैंग में शातिर सूरज पांडेय, उदयवीर यादव, रामप्रवेश मौर्य सहित 28 बदमाश शामिल हैं। इसमें से सुभाष यादव सहित दस इस समय गोरखपुर और देवरिया जेल में बंद हैं। बताते हैं कि सुभाष यादव ने बाहर मौजूद अपने गुर्गो को जेल में बंद बदमाशों के खर्च के लिए पैसे का इंतजाम करने के साथ ही इनका मुकदमा देख रहे अधिवक्ताओं की फीस का इंतजाम करने की जिम्मेदारी देख रखी है।
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चार जिलों में करते हैं लूट : सुभाष यादव गैंग के बदमाश गोरखपुर के अलावा सीमावर्ती जिलों में आजमगढ़, अंबेडकरनगर और संतकबीरनगर में लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं। खासकर दीयारा से सटे इलाकों में बैंक से पैसा निकाल कर जाने वाले और व्यापारी इनके निशाने पर होते हैं।
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वरिष्ठता के आधार पर मिलता है हिस्सा : गिरफ्तार किए गए बदमाशों ने पत्रकारों के सामने पेश किए जाने पर बताया कि लूट की रकम का बड़ा हिस्सा तो जेल में बंद बदमाशों के खर्चे के लिए निकाल दिया जात है। बाकी बची रकम में घटना में शामिल बदमाशों में वरिष्ठता के आधार पर बंटवारा किया जात है। गैंग में जो बदमाश पहले से है उसका हिस्सा अधिक होता है और जो सबसे बाद में शामिल हुआ है, उसे कम रकम मिलती है।
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अभिरक्षा से भागे सूरज पांडेय के साथ अंकित ने की थी लूट : पेशी पर दीवानी कचहरी लाए जाने के दौरान शातिर लुटेरा सूरज पांडेय पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। फरारी के दौरान उसने अंकित के साथ मिलकर लूट की एक घटना को अंजाम दिया था। हालांकि बाद में सूरज पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
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अमरजीत से प्रभावित होकर अंकित ने पकड़ी अपराध की राह : गिरफ्तार किए बदमाशों में से सहनदेवा, बेलघाट निवासी अंकित, कुख्यात अमरजीत यादव का करीबी रिश्तेदार है। अमरजीत से प्रभावित होकर ही उसने अपराध की राह पकड़ी थी। इस साल बीए प्रथम वर्ष में पढ़ रहे अंकित की माने तो वर्ष 2014 के शुरुआती दिनों में उसने धनघटा, संतकबीरनगर में लूट की पहली वारदात को अंजाम दिया था।
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पुलिस टीम को मिलेगा पुरस्कार : लुटेरों के इस गैंग का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी ने पांच हजार रुपया नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। टीम में बेलीपार थानेदार गौर सिंह व उप निरीक्षक प्रहलाद पांडेय, क्राइम ब्रांच सीआइयू टीम के प्रभारी उप निरीक्षक राजेश मिश्र, सिपाही सुभष सिंह, शशिकांत राय, राशिद अख्तर, सनातन सिंह, राकेश यादव, सत्य प्रकाश वर्मा, करुणापति तिवारी, दुर्गेश मिश्र, रमेश यादव और धीरेंद्र यादव शमिल हैं।