भविष्य बनाने की बात कहकर छात्रों के लिए खोले नए द्वार
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : करियर काउंसलर व रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल पीके सहगल (अवकाश प्राप्त भारतीय
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : करियर काउंसलर व रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल पीके सहगल (अवकाश प्राप्त भारतीय सेना) ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रशासन विभाग में आयोजित व्याख्यान में बीबीए व एमबीए छात्र-छात्राओं को करियर बनाने के लिए बहुमूल्य टिप्स दिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को सराहा तो छात्र-छात्राएं भी बेहतर भविष्य को लेकर सपने संजोने लगे। बात नई सोच विकसित करने की कही तो देश के युवा भविष्य के मन में पल रही परिकल्पना मूर्तरूप लेने को आतुर हो उठीं। उन्होंने विश्व बाजार में रोजगार के सैकड़ों नए क्षेत्र में भविष्य बनाने की बात कहकर छात्रों के लिए नए द्वार खोल दिए। छात्र-छात्राओं को अपने अंदर संप्रेषण क्षमता तथा आधुनिक तकनीक प्रयोग करने की क्षमता विकसित करने पर भी बल दिया।
समाज की तीन आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान पर व्यापक नजरिया अपनाने को कहा। देश में बड़ी मात्रा में फल व सब्जियों की बर्बादी को अभिशाप मानते हुए खाद्य प्रसंस्करण पर रोजगार के नए अवसर सृजन करने की बात कहकर युवाओं में जोश भर दिया। वैल्यू एडीशन पर भी उन्होंने अपने मन की बात कही। कहा कि कच्चे माल का निर्यात भारत से होता है। विकसित देश उसमें वैल्यू एडीशन कर पुन: हमें निर्यात कर देते हैं। यदि कौशल यहां विकसित किया जाए तो रोजगार के असीम अवसर उपलब्ध हो जाएंगे। युवाओं में असीम संभावनाओं पर फोकस करते हुए कहा कि कौशलयुक्त युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। प्रो.पीसी शुक्ल ने कहा कि प्रबंध के अध्ययन से रोजगार के बहुत सारे अवसर उपलब्ध होते हैं क्योंकि सभी स्थानों पर प्रबंध एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। अध्यक्षता शैलजा सिंह व संचालन डा.संजीत गुप्ता ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
'विषय ऐसे हों जिससे तकनीकी ज्ञान में हो सके वृद्धि'
सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व नवल्स पीजी कालेज के छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए मे.ज.पीके सहगल ने कहा कि पाठ्यक्रम में ऐसे विषय का चयन करना चाहिए जो ज्ञान, तकनीकी व कौशल का विकास कर सके। बेहतर भविष्य के लिए छात्रों को देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों व संस्थाओं में प्रवेश लेना चाहिए। आर्मी, एयरफोर्स व नेवी में भी रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इनमें से किसी एक का चयन कर युवाओं को रोजगार हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए। कौशल आधारित शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि दस वर्ष में देश दुनिया में शीर्ष स्थान हासिल कर सकता है जरूरत सार्थक पहल करने की है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य राजबिहारी विश्वकर्मा, धर्मराज त्रिपाठी, राधेश्याम त्रिपाठी, रमेश सिंह, डा.ओमजी उपाध्याय, डा.अभय श्रीवास्तव, आलोक गुप्ता, परमानंद मिश्र आदि उपस्थित थे।