एडी को बताया गुटबंदी करने वालों का लीडर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर प्राइवेट प्रैक्टिस के मुद्दे पर डाक्टरों में गुटबंदी की जांच करने जिला
जागरण संवाददाता, गोरखपुर
प्राइवेट प्रैक्टिस के मुद्दे पर डाक्टरों में गुटबंदी की जांच करने जिला अस्पताल पहुंचे अपर निदेशक स्वास्थ्य व जिला अस्पताल के एसआइसी आपस में भिड़ गए। एडी ने जब गुटबंदी की वजह पूछी तो एसआइसी ने उनको ही एक टीम का लीडर बताते हुए कि जब वह खुद पार्टी हैं तो जांच कैसे कर सकते हैं। एडी पर डाक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस करने संबंधी गोपनीय पत्र लीक करने का आरोप लगाया। दोनों अधिकारियों के साथ सीएमओ व प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों की सूची में शामिल डाक्टर भी मौजूद रहे। करीब एक घंटे तक एसआइसी के चैंबर में चला हंगामा पूरे दिन चर्चा की विषय बना रहा।
कमिश्नर के निर्देश पर गोरखपुर मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. आरके तिवारी अपने साथ सीएमओ डा. एमके सिंह व प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों की सूची में शामिल चिकित्सकों के साथ करीब पौने बारह बजे जिला अस्पताल के एसआइसी कक्ष में पहुंचे। जांच की बात पर एसआइसी डा. एचआर यादव ने एडी को एक गु्रप का लीडर बताते हुए उनको कठघरे में खड़ा कर दिया। कहा, पूरे विवाद की जड़ वह खुद हैं क्योंकि उन्होंने ही यह गोपनीय पत्र लीक किया है। एडी के साथ मौजूद प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष व जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. सीपी मल्ल ने एसआइसी पर कुछ डाक्टरों के खिलाफ द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि बिना जांच व साक्ष्य के ही डाक्टरों का नाम प्राइवेट करने वालों की सूची में डाल दिया गया है। अकारण डाक्टरों के देयकों का भुगतान रोकने की बात कही। करीब घंटे भर तक दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे।
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बेहोशी के डाक्टर ने लगाया आरोप
जब अपर निदेशक स्वास्थ्य व एसआइसी के बीच विवाद चल रहा था, उसी बीच जिला अस्पताल में कार्यरत बेहोशी के डाक्टर डा. एएन सिंह ने भी एसआइसी पर द्वेष की भावना से काम करने का आरोप लगाया। कहा, वह बेहोशी के डाक्टर हैं लेकिन उनकी ड्यूटी इंसेफ्लाइटिस के मरीजों के लिए बनी आइसीयू में लगा दी गई है। जबकि उनसे आपरेशन के सहयोग लिया जाना चाहिए। एसआइसी ने कहा कि जहां शासन ने उनकी तैनाती की है, वहीं पर काम लिया जा रहा है।
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एसआइसी को हटाने की मांग
अपर निदेशक स्वास्थ्य से जिला अस्पताल में तैनात नर्स व संयुक्त राज्य कर्मचारी संघ की उपाध्यक्ष कलावती से मिलकर एसआइसी डा. एचआर यादव पर कई आरोप लगाते हुए उनको हटाने की मांग की। उन पर दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में अस्पताल की व्यवस्था खराब हुई है। दवाओं का अत्यंत अभाव है। आए दिन कार्रवाई व धमकी के चलते कर्मचारी तनाव ग्रस्त हैं।
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कमिश्नर से निर्देश पर प्राइवेट प्रैक्टिस मुद्दे पर डाक्टरों में गुटबंदी की जांच करने जिला अस्पताल गया था। यहां एसआइसी से बातचीत हुई। मामला जल्द सुलझा लिया जाएगा।
डा. आरके तिवारी, अपर निदेशक स्वास्थ्य
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चर्चा के दौरान दो वरिष्ठ अधिकारी एडी हेल्थ व सीएमओ मौजूद थे, ऐसे में मेरा कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है।
डा. एचआर यादव, एसआइसी