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खतरनाक गढ्डे ले सकते हैं जान

जागरण संवाददाता, गोरखपुर: किसी महानगर की पहचान सड़कों, साफ-सफाई, नियोजित विकास से होती है, लेकिन यहां

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 01:28 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 01:28 AM (IST)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर: किसी महानगर की पहचान सड़कों, साफ-सफाई, नियोजित विकास से होती है, लेकिन यहां नगर निगम और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की लापरवाही से सड़कें गढ्डे में तब्दील हो गई हैं। नगर के हृदय स्थल गोलघर सिविल लाइंस क्षेत्र तक की सड़कों पर गढ्डों में गिरकर लोग घायल हो रहे हैं, लेकिन क्षेत्रों में तैनात अवर अभियंता पैच वर्क तक नहीं करा पा रहे।

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अवर अभियंताओं की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में भ्रमण कर समस्याओं को देखे और उसका निस्तारण करें। गढ्डों का पैच करने के लिए किसी टेंडर की आवश्यकता नहीं होती। यह कार्य विभागीय स्तर से कराना होता है और स्टोर से सामानों की आपूर्ति करनी होती है। सभी अवर अभियंताओं को गैंग के कर्मचारी भी दे रखे गए हैं, बावजूद वह राहगीरों के जान जोखिम में डाल रहे गढ्डों का पैच कराने की इन्हें चिंता नहीं है।

गणेश चौराहे से काली मंदिर रोड, गांधी गली से बलदेवा प्लाजा, जलकल के सामने, चेतना तिराहा की सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। इसी तरह एसएसपी आवास रोड, हरिओम तिराहा से एमपी इंटर कालेज रोड, विजय चौराहा से सिनेमा रोड, कैंट चौराहे से हरिहर प्रसाद दुबे मार्ग, अलहदादपुर से रीड साहब धर्मशाला रोड, प्रेम चंद्र पार्क रोड, टीपी नगर पुरानी चुंगी से नार्मल तिराहा रोड पर कदम-कदम पर बने गढ्डे रास्ता रोक रहे हैं। कलेक्ट्रेट परिसर तक में गढ्डा हो गया है।


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