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छाए रहे पर बरसना भूल गए बादल

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इस साल बादल बेवफा निकले। कम बारिश का पूर्वानुमान तो पहले से ही था। रही-

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 08:51 PM (IST)
छाए रहे पर बरसना भूल गए बादल

जागरण संवाददाता, गोरखपुर :

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इस साल बादल बेवफा निकले। कम बारिश का पूर्वानुमान तो पहले से ही था। रही-सही कसर देर से आए कमजोर मानसून ने पूरी कर दी।

हिमालय की तराई में स्थित गोरखपुर पर तो मानसून और मेहरबान रहता है। अमूमन 15 जून को यह यहां दस्तक दे देता है, पर इस साल जून के तीसरे हफ्ते में आया, वह भी कमजोर। लिहाजा औसत बारिश 167.30 मिलीमीटर (मिमी) की तुलना में सिर्फ 71.57 मिमी ही बारिश हुई। इसमें भी सदर तहसील जिसका अधिकांश हिस्सा शहरी है वहां 265 मिमी बारिश होने पर यह औसत आया।

जुलाई जिसका शुमार सर्वाधिक बारिश वाले महीनों में होता है, उसमें भी बादल रूठे ही रहे। औसत की तुलना में सिर्फ 112.85 मिमी की वर्षा इसका सबूत है।

आषाढ़ बीता। सारी उम्मीदें अगस्त से शुरू सावन पर टिक गई। पर सावन भी सूखा ही गया। पूरे माह बादल तो खूब उमड़े-घुमड़े। छिटपुट बारिश के नाते इसके औसत दिन भी बढ़ गए, पर जिस झमाझम बारिश और कई दिन तक चलने वाली रिमझिम फुहारों के लिए सावन को जाना जाता है। इस साल वह एक बार भी नहीं दिखा। सीजन के दूसरे सर्वाधिक बारिश वाले महीने (अगस्त)में औसत 384.7 मिमी की तुलना में बारिश हुई 198.28 मिमी। सितंबर से भी कोई खास उम्मीद नहीं है। अक्टूबर से मानसून की वापसी शुरू हो जाती है। वापसी में अक्सर एक-दो बार झमाझम बारिश होती है। पर इससे खरीफ की तैयार फसलों को लाभ की बजाय क्षति अधिक होती है। पिछले दो वर्षो में मध्य अक्टूबर में आया फैलीन और हुदहुद तूफान इसका सबूत है।

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सूखा ही रहेगा सितंबर

का पहला हफ्ता

गोरखपुर: मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर यकीन करें तो सितंबर का पहला हफ्ता सूखा ही रहेगा। गोरखपुर के बारे में 6 सितंबर तक जताए गए पूर्वानुमान के मुताबिक 4 सितंबर तक आंशिक बदली रहेगी। अगले दो दिन मौसम अमूमन साफ रहेगा। इसके नाते उमस एक बार फिर बढ़ेगी। पूर्वानुमान के मुताबिक इस दौरान अधिकतम तापमान 35-36 और न्यूनतम 26-27 डिसे के बीच रहेगा।

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ताजा मौसम

सोमवार की दोपहर के कुछ घंटों को छोड़ दें तो आमतौर पर बादल छाए रहे। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 और 25.4 डिसे रहा। अधिकतम के लिहाज से यह 26 अगस्त के बाद का सर्वाधिक है। यही वजह थी कि बदली के बाद भी उमस से बुरा हाल था।

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जून से अगस्त तक की बारिश

माह औसत वास्तविक

जून 167.30 71.57

जुलाई 398.7 112.85

अगस्त 384.7 198.28

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कुल 950 383

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(स्रोत कृषि विभाग, बारिश मिमी में)

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