सुन्नत में शामिल है इत्र लगाना
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रमजान की शुरूआत के साथ ही इत्र का इस्तेमाल आम दिनों के मुकाबले काफी बढ
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रमजान की शुरूआत के साथ ही इत्र का इस्तेमाल आम दिनों के मुकाबले काफी बढ़ गया। वह इसलिए कि इत्र लगाना पैगम्बर मुहम्मद साहब की सुन्नतों में शामिल था, इसलिए इस पाक महीने में इत्र की मांग भी आम दिनों के मुकाबले में काफी बढ़ गई है। पिछले साल के मुकाबले इत्र के दामों में 10 से 15 फीसद तक का उछाल आया है। इसके इस्तेमाल की बात करें तो आम दिनों में भी हर जुमे को इसे लगाना सुन्नत है और रमजान में सुन्नतों का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। यही वजह है कि इन दिनों इसकी मांग बढ़ गई है।
खुशबू और गुणवत्ता के हिसाब से दाम
इत्र की खुशबू और गुणवत्ता ही इसका दाम तय करती हैं। जितनी अच्छी और देर तक खुशबू रहेगी, उसका दाम उतना ही ज्यादा होगा। बाहर से आने वाले इत्र काफी महंगे बिकते हैं, क्योंकि वह एक्सपोर्ट क्वालिटी के होते हैं और इनकी खुशबू साधारण इत्र के मुकाबले काफी देर तक रहती है।
जन्नतुल फिरदौस की डिमांड
दुकानदार जावेद बताते हैं कि वैसे तो अपने शहर में विदेशी इत्र बहुत कम मिलते हैं, लेकिन बाहरी इत्र में सबसे ज्यादा मांग जन्नतुल फिरदौस की है, स्थानीय स्तर पर बनने वाले इत्र में सबसे ज्यादा मांग मजमुआ और मैगनेट की है। इसके अलावा भारत में निर्मित कई और इत्र बाजारो में उपलब्ध हैं।
इत्र की कीमत पर एक नजर
इत्र पहले अब
मजमुआ 33 44
मैगनेट 25 30
जन्नतुल फिरदौस 30 35
हयाती 40 45
माई च्वाइस 35 45
इसके अलावा विदेशी इत्र खुशबू और गुणवत्ता के मुकाबले 300 से 1000 रुपए तक उपलब्ध हैं।