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दलित उत्पीड़न मामलों में गोरखपुर पुलिस का रवैया सबसे खराब

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा कि प्रदेश में

By Edited By: Published: Fri, 26 Jun 2015 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2015 09:14 PM (IST)
दलित उत्पीड़न मामलों में गोरखपुर पुलिस का रवैया सबसे खराब

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा कि प्रदेश में दलित उत्पीड़न मामलों में गोरखपुर पुलिस का रवैया सबसे खराब है। उन्होंने कहा कि यहां पुलिस दलित उत्पीड़न का मुकदमा ही दर्ज नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर मंडल में आयोग के समक्ष आए 40 मामलों की समीक्षा मैंने की है जिसमें तीन मामलों में तहरीर के हिसाब से मुकदमा दर्ज नहीं है इसे लेकर आयोग संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई करेगा। इन तीन मामलों के बारे में पूछने पर जानकारी देने से इन्कार कर दिया।

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श्री पुनिया शुक्रवार को यहां कलेक्ट्रेट सभागार में संवाददाताओं से मुखातिब थे। इसके पूर्व उन्हों गुरुको महराजगंज व शुक्रवार को यहां कलेक्ट्रेट में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ दलित उत्पीड़न मामलों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चेयरमैन की हैसियत से आयोग को जो शिकायत मिलती है उसकी तिथि निर्धारित कर मैं मंडल व जिले स्तर पर पहुंच कर अधिकारियों के साथ समीक्षा किया हूं। यहां पर शांति व्यवस्था की स्थिति प्रदेश में अन्य स्थानों से भिन्न है, यहां तो पुलिस एफआइआर ही नहीं दर्ज करती है। आयोग अब मन बना रहा है कि एफआइआर दर्ज न करने वालों पर ही मुकदमा दर्ज कराया जाय। उन्होंने कहा कि जिसकी शिकायत है उसका मुकदमा तो दर्ज किया जाय। विवेचना में वह कुछ भी करें। उन्होंने कहा कि एफआइआर दर्ज नहीं किया जाना मानवाधिकार का हनन है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश के भगोड़े का बचाने वाले सत्ता में बैठे लोगों को केंद्र सरकार बचा रही है। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज, स्मृति इरानी, वसुंधरा राजे व पंकजा मुंडे सभी से इस्तीफा लिया जाना चाहिए। निषाद आंदोलन पर कहा कि इसमे साफ तौर पर प्रदेश सरकार दोषी है इसका निस्तारण होना चाहिए।


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