सबकी हो गई बल्ले-बल्ले
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : आखिरकार, गुरुवार को इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई। दोपहर 3 बजे के आसपास ज
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : आखिरकार, गुरुवार को इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई। दोपहर 3 बजे के आसपास जैसे ही सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का परिणाम वेबसाइट पर अपलोड हुआ, कक्षा 10 के परीक्षार्थी और उनके अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई। हो भी क्यों न, सबकी बल्ले- बल्ले हो गई है। लगभग 100 फीसद रिजल्ट बनने से स्कूलों में भी रौनक लौट आई। चहल-पहल के बीच शुरू हुआ एक- दूसरे को बधाई देने का सिलसिला, जो देर रात तक चलता रहा। हालांकि, सरवर डाउन होने से परीक्षार्थियों को रिजल्ट देखने में परेशानी हुई। स्कूल प्रबंधन भी देर शाम तक परेशान रहे। यहां जान लें कि जिले के मान्यता प्राप्त लगभग 50 स्कूलों के करीब 10 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। उनमें से लगभग 500 ने 10 सीजीपीए हासिल कर अपनी मेधा शक्ति का परिचय दिया है। 9 और 8 सीजीपीए वालों की संख्या तो हजारों में है।
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दो तरह की परीक्षा
देते हैं परीक्षार्थी
सीबीएसई बोर्ड में 10वीं की परीक्षा दो तरह से आयोजित होती है। पहला होम बोर्ड होता है। इसमें विद्यालय में ही (स्वकेंद्र) परीक्षा हुई थी। कक्षा 12 तक वाले विद्यालय के बच्चे ही होम परीक्षा देते हैं। अगर किसी विद्यार्थी को बोर्ड या स्कूल छोड़ना होता है तो वे भी होम परीक्षा दे सकते हैं। दूसरा बोर्ड (दूसरे केंद्र) परीक्षा है। इसमें विद्यालय के अन्य केंद्र पर परीक्षा होती है। कक्षा 10 तक वाले विद्यालयों के बच्चे ही बोर्ड परीक्षा देते हैं। इसमें वह परीक्षार्थी भाग लेते हैं, जिन्हें बोर्ड, स्कूल या स्टेट बदलना होता है।
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महज 30 अंक की
होती है बोर्ड परीक्षा
दोनों तरह की बोर्ड परीक्षाएं महज 30 अंक के लिए होती है। 70 में से 50 अंक विद्यालय पहले ही बोर्ड को भेज देते हैं। इस अंक में फार्मेटिव असेसमेंट व सबमेटिव असेसमेंट की परीक्षाएं होती हैं। 20 अंक के मार्क्स वार्षिक परीक्षा के समय भेजे जाते हैं। फाइनल रिजल्ट बनते समय इन मार्क्स में 30 अंक जुट जाते हैं।
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छात्रों को मिल रहा
ग्रेडिंग का लाभ
सीबीएसई के कक्षा 10 के परीक्षार्थियों को ग्रेडिंग प्रणाली का पूरा लाभ मिल रहा है। यही नहीं अब तो परीक्षा के अलावा अन्य क्रिया कलापों के अंक भी जुट रहे हैं। कक्षा 10 के परिणाम में कक्षा 9 के अंक भी जुड़ते हैं। यानी, उनका सीजीपीए (क्यूमूलेटिव टोटल ग्रेड प्वाइंट एसेसमेंट) होता है। ग्रेड के आधार पर ही परीक्षार्थी का सीजीपीए निर्धारित होता है।
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ए-1 ग्रेड वाले
को 10 सीजीपीए
यहां ग्रेड समझना भी जरूरी है। 91 से 100 अंक तक ए-1 ग्रेड होता है। 10 सीजीपीए उन छात्रों को मिलता है, जो हर विषय में कम से कम ए-1 ग्रेड प्राप्त करते हैं। 81 से 90 तक ए2, 71 से 80 अंक तक बी1 और 61 से 70 तक बी2, 51 से 60 तक सी1 और 41 से 50 तक सी2, 33 से 40 तक डी ग्रेड होता है। यहां तक परीक्षार्थी उत्तीर्ण माने जाते हैं। इसके नीचे 20 से 32 अंक तक ई ग्रेड होता है, जहां बच्चे फेल माने जाते हैं।
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परसेंट नहीं ग्रेड पूछिए जनाब
रिजल्ट निकलते ही यूके मिश्र उत्सुक हो गए। वह अपने बेटे ऋषभ का रिजल्ट जानना चाह रहे थे। इसी बीच बेटा नेट से रिजल्ट की कापी हाथ में लिए घर पहुंच गया। पिता ने पूछा कितना परसेंट है। ऋषभ ने कहा 10 सीजीपीए। जवाब सुन पिता का सिर घूम गया। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सीजीपीए क्या है। देर शाम तक उन्हें समझ आया कि उनका बेटे ने अच्छा अंक हासिल किया है।