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खौफ से बढ़े बैचेनी, घबराहट के मरीज

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : पिछले दो दिन से आ रहे भूकंप ने लोगों के दिलों में खौफ भर दिया है। इ

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 01:52 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 01:52 AM (IST)
खौफ से बढ़े बैचेनी, घबराहट के मरीज

जागरण संवाददाता, गोरखपुर :

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पिछले दो दिन से आ रहे भूकंप ने लोगों के दिलों में खौफ भर दिया है। इस दौरान मानसिक रोग विशेषज्ञों के पास इस तरह के मरीज बड़ी तादाद में पहुंचे। ऐसे भी लोग हैं जो डर के कारण सदमे में हैं।

मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अभिनव श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले दो दिन में उनकी ओपीडी में करीब बीस फीसद ऐसे मरीज आए हैं जो सिर्फ भूकंप के चलते ऐसी समस्याओं के शिकार हुए हैं। इसमें ज्यादातर मरीज बारह-चौदह से लेकर बाइस वर्ष तक के हैं।

ऐसे सभी मरीज घबराहट, बेचैनी व सांस फूलने की शिकायत लेकर पहुंचे। अभिभावकों से बातचीत के दौरान यह पता चला कि पहले से इनमें किसी तरह की मानसिक परेशानी नहीं थी। सिर्फ भूकंप के खौफ के चलते उनको यह समस्या हुई।

इनमें से तीन मरीजों की स्थिति बेहद गंभीर है, जिनको शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इनमें से एक मरीज को ऐसा सदमा लगा है कि दवा देने पर किसी तरह सो रही है पर बीच-बीच में भूकंप आ गया चिल्ला रही है। एक मरीज को गहरा सदमा लगा है और वह रह-रहकर बेहोश हो जा रही है।

बीआरडी मेडिकल कालेज के साथ जिला अस्पताल की मानसिक रोग की ओपीडी संभालने वाले डा. सीपी मल्ल का कहना है कि बीते दो दिन में ऐसे मरीजों की तादाद बढ़ी है जो बेचैनी व घबराहट के शिकार हैं। इसमें ज्यादा संख्या किशोर उम्र के बच्चों की है। इसके अलावा ऐसे मरीज तो पहले से बेचैनी, अवसाद आदि से पीड़ित हैं उनसे बड़ी तादाद में ऐसे हैं जिनमें रोग का उभार देखा जा रहा है। खुद उनकी ओपीडी में ऐसे मरीजों की तादाद करीब चालीस फीसद है जो पहले से इस तरह की समस्या से पीड़ित हैं।

उन्होंने सलाह दी कि पहले से मानसिक रोगों से पीड़ित लोगों के साथ ही बच्चों का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। उनको समझाना चाहिए कि यह कोई खतरे की बात नहीं। अफवाहों से भी सावधान रहना चाहिए क्यों कि ज्यादातर अफवाहों की चलते ही ऐसे मरीजों की स्थिति बिगड़ती है।


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