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लखनऊ से छपरा तक दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

- मार्च तक पूरा हो जाएगा बाराबंकी से छपरा तक रेल विद्युतीकरण - रेल लाइनों के किनारे दिखने लगे खंभे

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 09:31 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 09:31 PM (IST)
लखनऊ से छपरा तक दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

- मार्च तक पूरा हो जाएगा बाराबंकी से छपरा तक रेल विद्युतीकरण

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- रेल लाइनों के किनारे दिखने लगे खंभे, जगने लगी उम्मीद

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जागरण संवाददाता, गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे की दोहरी लाइनों पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों को दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है। पटरियों के किनारे बिजली के खंभे दिखने लगे हैं। समपार फाटकों पर लगे हाइट गेज (ऊंचाई बैरियर) एहसास करा रहे हैं कि जल्द ही इन पटरियों पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनें फर्राटा भरने लगेंगी। रेल विद्युतीकरण परियोजना ने भी कार्य की अंतिम सीमा तय कर दी है। मार्च तक हर हाल में बाराबंकी से छपरा तक गोरखपुर होते हुए करीब 425 किमी रेल खंड का विद्युतीकरण पूरा हो जाएगा।

वर्ष 2008 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने विद्युतीकरण की घोषणा की तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। सोचा, चलो ट्रेनों की लेटलतीफी से मुक्ति मिलेगी। पर, यहां भी इंतजार करना पड़ा। कार्य की शुरुआत तो ठीक रही, लेकिन आगे हांफने लगी। लखनऊ मंडल में यह अहम परियोजना चलती रही। वाराणसी का कार्य ढीला पड़ गया। घटिया काम और धीमी प्रगति को देखते हुए 'सेंट्रल आर्गनाइजेशन फार रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन' ने कार्य करने वाली कंपनी से अपने हाथ खींच लिए। जून 2012 तक इस खंड पर कार्य बंद रहा है। आर्गनाइजेशन ने निविदा के जरिए टाटा प्रोजेक्ट को यह कार्य सौंपा है। फिलहाल, बस्ती से गोरखपुर होते हुए भटनी तक कार्य तेज गति से चल रहा है। सात ट्रैक्शन विद्युत सब स्टेशन का निर्माण भी अंतिम चरण में है। गोरखपुर स्टेशन यार्ड में ब्लाक नहीं मिलने से मुश्किलें आ रही हैं। बजट भी डेढ़ गुना बढ़ गया है। वर्ष 2012 तक लगभग 600 करोड़ में पूरा होने वाली यह परियोजना के लिए रेलवे को करीब 800 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

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भटनी से छपरा तक इलेक्ट्रिक ट्रेन अगले सप्ताह से : वाराणसी मंडल स्थित भटनी से छपरा लगभग 115 किमी रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन अगले सप्ताह से दौड़ने लगेगी। भटनी से सीवान तक करीब 50 किमी रूट का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। पहली दिसंबर को रेल संरक्षा आयुक्त निरीक्षण कर सकते हैं। उनकी हरी झंडी मिलते ही गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। छपरा से सीवान होते हुए थावे तक 90 किमी रूट पर इलेक्ट्रिक मालगाड़ियां पहले से ही दौड़ रही हैं।

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लखनऊ से गोंडा तक दौड़ रही मालगाड़ी : लखनऊ मंडल स्थित बाराबंकी से गोंडा तक 89 किमी रूट का विद्युतीकरण जून में ही पूरा हो गया। अब तो लखनऊ से गोंडा तक मालगाड़ियां आ रही हैं। फिलहाल, गोंडा तक इलेक्ट्रिक पैसेंजर ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है। लेकिन, इंजन और रेक का लिंक नहीं मिल पाने के चलते मुश्किलें आ रही हैं। सूत्रों का कहना है कि गोरखपुर का कार्य पूरा हो जाने के बाद ही इंजन और रेक का लिंग मिल पाएगा।

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यहां भी इलेक्ट्रिक ट्रेन

- छपरा से बलिया होते हुए वाराणसी और इलाहाबाद सिटी तक।

- गोंडा से बढ़नी- आनंदनगर- नौतनवां होते हुए गोरखपुर तक।

- हथुआ- कप्तानगंज होते हुए गोरखपुर तक बनेगा इलेक्ट्रिक लिंक लाइन।

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मिलेगी राहत,

- रेलवे के खर्चे में आएगी कमी।

- पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलेगा।

- समय की बचत होगी, ट्रेनें बढ़ेंगी।

- स्टेशनों पर बिजली की व्यवस्था।

- तेल से संभावित दुर्घटनाएं खत्म।


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