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कंप्यूटर पर धूल व दीवार पर दीमक देकर भड़के एडीजी

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : अपराध व कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने गोरखपुर आए पुलिस उप महानिदेशक क

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 01:28 AM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 01:28 AM (IST)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर :

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अपराध व कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने गोरखपुर आए पुलिस उप महानिदेशक कानून-व्यवस्था (एडीजी एलओ) मुकुल गोयल शनिवार को सुबह सर्किट हाउस से निकलकर अचानक कोतवाली थाने पहुंचे तो अफरा-तफरी मच गई। गेट से संतरी गायब था तो थाने की छत पर सूखने के लिए पसारे गए कपड़े दिखे। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के कक्ष में कंप्यूटर पर धूल जमी हुई थी और दीवारों पर दीमक लगे हुए थे। जिसे कंप्यूटर आपरेटर बताया गया वह माउस क्लिक करना तक नहीं जान रहा था।

यह हाल देख बेहद खफा हुए एडीजी ने कोतवाल महेंद्र नाथ दूबे को अपने सामने तलब किया। पूछा यह सब क्या है? कहा, आप काम करने लायक नहीं है। तत्काल उनको लाइन में आमद कराने का निर्देश दिया और डीआइजी डा. संजीव गुप्त को उनकी कार्यप्रणाली की जांच का निर्देश दिया। आइजी से पूछा कि क्या यहां थानों का निरीक्षण नहीं होता? पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी से कहा कि थानों का सिस्टम ठीक रखने की जिम्मेदारी आप लोगों की है, यह सब नहीं देखते क्या?

दरअसल तय कार्यक्रम के अनुसार एडीजी को सर्किट हाउस से पुलिस लाइन मातहतों के साथ मीटिंग करने पहुंचना था। लेकिन वहां से निकलने के बाद उन्होंने चालक को कोतवाली थाने चलने का निर्देश दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस लाइन में उनका इंतजार कर रहे अधिकारी भाग कर कोतवाली पहुंचे। उस समय थाने में मौजूद पुलिस वाले जल्दी-जल्दी मेज साफ करते और परिसर में पसरे कूड़ा आदि हटाने की मशक्कत करते मिले।

10.42 बजे उनकी गाड़ी मुख्य सड़क से कोतवाली थाने की तरफ मुड़ी तो उस समय गेट पर संतरी तक नहीं था। थाने का मुंशी आनन-फानन में राइफल लेकर गेट पर संतरी के रूप में खड़ा हो गया। थाना परिसर में गाड़ी से उतरते ही उनकी नजर छत पर सूखने के लिए पसारे गए गीले कपडे़ पर चली गई। इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस कर्मियों के हैं। इसके बाद उन्होंने थाने में लगे कंप्यूटर दिखाने को कहा तो इंस्पेक्टर ने अपने कक्ष में लगा कंप्यूटर दिखा दिया। इस पर काम करते हैं के जवाब उन्होंने कह दिया कि आपरेटर चलाता है। कौन है आपरेटर के जवाब में उन्होंने एक सिपाही को खड़ा कर दिया। जो माउस भी क्लिक नहीं कर पा रहा था। इसके बाद वह सीसीटीएनएस कक्ष में गए। वहां से थाने के कार्यालय में पहुंचे तो सारे रजिस्टर और अन्य दस्तावेज बेतरतीब मिले। हद तो तब हो गई जब शिकायती रजिस्टर में 6 नवंबर से लेकर 20 नवंबर के बीच कोई शिकायत दर्ज नहीं थी।

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मीटिंग में मातहतों से कहा काम करें

एडीजी ने पहले गोरखपुर जनपद के सभी क्षेत्राधिकारियों के साथ बैठक की इसके बाद आइजी, डीआइजी और दोनों मंडलों से आए अधिकारियों के साथ अपराध व कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। क्षेत्राधिकारियों और जनपदों से आए पुलिस अधिकारियों से बढ़ रहे अपराध पर नाराजगी जताई। कहा कि अपराध तभी रुकेगा जब आप खुद आगे बढ़कर काम करेंगे। विवेचनाओं के निस्तारण में देरी पर उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त की। लंबित विवेचनाओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने का निर्देश दिया। अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित करना आप का काम है कि थाने में आने वाले पीड़ितों की फरियाद सुनी जाए। सीसीटीएनएस योजना के तहत भेजे गए उपकरणों का उचित प्रबंधन कर उनका सदुपयोग करने, थाना स्तर पर अभिलेखों का रख-रखाव ठीक ढंग से करने, राजपत्रित अधिकारियों द्वारा आर्डली रूम का नियमित आयोजन करने और अभियोगों का शत-प्रतिशत पंजीकरण करने का निर्देश दिया। अवकाश पर होने की वजह गोरखपुर के एसएसपी आरके भारद्वाज, और कानून-व्यवस्था की स्थित ठीक न होने की वजह से देवरिया और कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक बैठक में मौजूद नहीं थे।

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फरियादियों ने मिलकर लगाई गुहार

समीक्षा बैठक के बाद जनपद के कई पीड़ितों ने एडीजी से मिलकर फरियाद की। कुछ ने पुलिस की कार्यप्रणाली की शिकायत की तो कई ने अपने मामले में न्याय न मिलने की फरियाद की। एडीजी ने सभी को उनकी समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन देकर संतुष्ट किया।

फरियाद लेकर आए लोगों में मुड़िला, चिलुआताल के रामपाल की पत्‍‌नी ¨रकी सिंह शामिल थी। उनके घर 18 नवंबर की रात डकैती पड़ी थी। दो लाख नकदी सहित 18 लाख की लूट करने वाले डकैतों ने उनके ससुर कमला सिंह को घायल कर दिया था और उनके हमले से जान बचाने के लिए रामपाल सिंह छत से कूद कर घायल हो गए थे। शाहपुर में पुराने आपूर्ति कार्यालय के सामने स्थित उस डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डा. एसबी मौर्य ने भी एडीजी से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई। इसके अलावा तिवारीपुर क्षेत्र में रहने वाली यौन शोषण की शिकार पीड़िता, डा. डीपी सिंह पर अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता, पुलिस पर जबरिया मकान खाली कराने का आरोप लगाने वाले उत्तरी जटेपुर, शाहपुर निवासी स्वामीनाथ, कोतवाली थाना क्षेत्र के जगरनाथपुर में दुकान में घुसकर हुई लूटपाट के शिकार बने मनोज मिश्र, तथा राजघाट क्षेत्र में छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म की पीड़िता छात्रा के परिजनों ने एडीजी से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया।


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