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सात शिक्षकों पर अधिकतम छात्र 420

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महाविद्यालयों में स्नातक सीटों की अधिकतम संख्या निर्धारित करने के प्रकरण

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 01:59 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 01:59 AM (IST)
सात शिक्षकों पर अधिकतम छात्र 420

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महाविद्यालयों में स्नातक सीटों की अधिकतम संख्या निर्धारित करने के प्रकरण में गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने फैसला ले लिया है। तय हुआ है कि शैक्षिक सत्र 2014-15 में स्नातक स्तर पर कला वाणिज्य व विज्ञान में सात शिक्षकों पर शासनादेश के क्रम में अधिकतम 420 छात्रों का प्रवेश ही लिया जा सकेगा। साथ ही 5 नवंबर तक सभी प्रवेशित छात्रों की सूची विवि संबद्धता विभाग को हर हाल में उपलब्ध करानी होगी।

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दरअसल सत्र की शुरुआत में ही कई महाविद्यालयों की ओर से स्नातक की अधिकतम प्रवेश संख्या को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया था। जिस बाबत विश्वविद्यालय प्रवेश समिति ने कई बार विमर्श किया। कुलसचिव एके अरविंद ने बताया कि ऐसे महाविद्यालय जहां सात शिक्षक हों तो वहां प्रति वर्ग 60 छात्र के अनुसार अधिकतम 420 छात्रों का प्रवेश लिया जा सकेगा। कुलसचिव ने साफ कहा है कि निर्धारित सीटों से अधिक पर प्रवेश लेने वाले महाविद्यालयों को इस बार मुश्किल होनी तय है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस साल इस विषय को लेकर खासा गंभीर है। प्रवेश किए गए छात्रों की संख्या विषयवार 5 नवंबर तक हर हाल में संबद्धता विभाग को उपलब्ध कराना होगा। अगर जानकारी नहीं दी गई तो कालेज के खिलाफ विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। उधर बीते दिनों सीट बढ़ोतरी के आवेदन किए करीब 65 कालेजों की स्नातक सीटें 60 छात्र प्रतिवर्ग से बढ़ाकर 80 की जा चुकी है।

शिक्षकों की अद्यतन स्थिति बताएं :

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कालेजों में शिक्षकों की स्थिति जानने के लिए एक बार फिर महाविद्यालयों को स्मरण पत्र भेजा है। इसके लिए कालेजों को एक प्रारूप भी उपलब्ध कराया है जिसमें अध्यापक का नाम, विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदन की तिथि, विषय, संविदा अवधि, कुल अध्यापन अनुभव, वेतन भुगतान करने वाले बैंक का नाम आदि जानकारियां महाविद्यालयों को गैर न्यायिक स्टांप पेपर के साथ उपलब्ध करानी होंगी। दरअसल अध्यापनरत शिक्षकों के संबंध में यह जानकारी बीते अगस्त में ही मांगी गई थी, लेकिन ज्यादातर कालेजों की ओर से जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई। ऐसे में एक बार फिर पत्र भेजा जा रहा है।


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