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अधिकारी की जेब में रेलवे का धन

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रेलवे का धन भी अब अधिकारियों की जेब में रह रहा है। नियमों को ताक पर र

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 02:07 AM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 02:07 AM (IST)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रेलवे का धन भी अब अधिकारियों की जेब में रह रहा है। नियमों को ताक पर रखकर वे अपनी इच्छा से उसका उपयोग कर रहे हैं। लखनऊ मंडल में इस तरह का एक मामला प्रकाश में आया है। वाणिज्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लखनऊ जंक्शन आरक्षण कार्यालय के दो दिन के आय का धन अपने पास रख लिया है। इसकी जानकारी होने पर प्रशासनिक अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए हैं। जांच शुरू हो गई है। विभागों में सिर्फ इसी के चर्चे हैं।

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अधिकारी ने 14 को 15 लाख और 15 अक्टूबर को भी 15 लाख सहित दो दिन में कुल 30 लाख रुपये अपने पास जमा करा लिया। बदले में एक सादे कागज पर हस्ताक्षर कर प्राप्त भी लिख दिया। धन जमा करने के बाद आरक्षण कार्यालय के संबंधित रेलकर्मियों ने प्राप्ति की सादी रशीद कार्यालय में ही रख दिया है। यही नहीं पैसा जमा करने का जिक्र गोरखपुर कैश आफिस में भी नहीं हुआ। लखनऊ आरक्षण कार्यालय की आय का मिलान हुआ तो अंतर पकड़ में आया। मामले की जानकारी हुई तो संबंधित अधिकारियों के भी होश उड़ गए। विभागीय सूत्रों के अनुसार 14 और 15 अक्टूबर को लखनऊ आरक्षण कार्यालय पर टिकट बिक्री से करीब 22 लाख की आय हुई थी, लेकिन कैश आफिस में लगभग 10 लाख ही जमा हुए।

आपातकाल में ही निकाला

जा सकता है रेलवे का धन

बड़ी रेल दुर्घटना और प्राकृतिक आपदा आदि विशेष परिस्थितियों के दौरान ही रेल अधिकारी रेलवे का धन निकाल सकते हैं। इसके लिए भी उच्चाधिकारी का दिशा-निर्देश जरूरी है। नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन, अधिकारी ने सादे कागज पर ही बड़ी रकम निकाल ली है। जांच-पड़ताल कर रही टीम को संबंधित लोगों ने बताया है कि अनुग्रह राशि बांटने के लिए धन लिया गया है। लेकिन, रेलवे इस समय तो कोई अनुग्रह राशि नहीं बांट रही है। अधिकारी ने बिना अनुमति के कैसे अपने पास पैसा निकाल लिया। पैसे कहां खर्च हुए, यह एक बड़ा सवाल है।

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विजिलेंस ने शुरू की जांच

मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्वोत्तर रेलवे की विजिलेंस टीम ने जांच शुरू कर दी है। जानकारी होने के दो दिन बाद ही विजिलेंस टीम लखनऊ पहुंच गई थी। फिलहाल, संबंधित अभिलेख जब्त कर लिए गए हैं। आरक्षण कार्यालय में तैनात व अन्य संबंधित रेलकर्मियों से भी पूछताछ हुई है। मंडल स्तर पर भी कमेटी बनाकर जांच की जा रही है। खास बात यह है कि मंडलीय टीम में जूनियर स्तर के अधिकारी ही मामले की जांच कर रहे हैं।

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अधिकारी ने रुपये लिये हैं, मामले की विजिलेंस जांच चल रही है। फिलहाल वह अवकाश पर हैं। इस दौरान कुछ भी कहना सही नहीं है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

अनूप कुमार, मंडल रेल प्रबंधक

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मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा।

आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ


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