डेंगू के बढ़ते खतरे के बीच सर्वे पर संकट
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : एक तरफ मेडिकल कालेज में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित वेक्टर बार्न डिजीज
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
एक तरफ मेडिकल कालेज में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित वेक्टर बार्न डिजीज सर्विलांस यूनिट द्वारा हाल में कराए गए सर्वे में जगह-जगह डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा मिले हैं तो दूसरी तरफ आपसी विवाद के चलते सर्वे पर ही संकट उत्पन्न हो गया है। सर्वे करने वाले टीम के प्रभारी व जोनल इंटेमोलॉजिस्ट के दफ्तर पर ताला जड़ दिया गया है। जिस कमरे में मच्छर पकड़ कर जांच के लिए रखे जाते हैं वह लैब भी बंद है। उधर इंसेफ्लाइटिस से हो रही मौतों व डेंगू के खतरे के बीच सर्वेक्षण के लिए केंद्र से मिला बजट भी लगभग खत्म हो गया है।
साल 2005 में इंसेफ्लाइटिस से एक साल में दो हजार से अधिक मौतों के बाद केंद्र सरकार ने फरवरी 2007 में वेक्टर बार्न डिजीज सर्विलांस यूनिट की स्थापना की। तब से यह यूनिट गोरखपुर व आसपास के जिलों में इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार जैसी बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों को पकड़ने, उनकी पहचान करने, उन पर कीटनाशकों के प्रभाव का अध्ययन करने तथा बीमारियों के बारे में आम लोगों व स्वास्थ्य विभाग को आगाह करने का काम करती रही है।
इसके लिए मेडिकल कालेज के सोशल एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन विभाग में यूनिट को कार्यालय दिया गया है। एक अन्य कमरे में मच्छरों को पकड़कर रखने व उन पर अध्ययन करने के लिए लैब बनाया गया है। लाए लार्वा से मच्छरों को विकसित करने, मच्छरों को जीवित रखने व उन पर प्रयोग करने के लिए लैब में मच्छरों के अनुकूल आद्रता व तापमान बनाए रखने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए वहां कूलर भी लगा है।
लेकिन हाल में कुछ आपसी विवाद के चलते सर्विलांस यूनिट के कीट वैज्ञानिक व अन्य कर्मचारियों के बैठने के लिए दिए गए कमरों व लैब में ताला बंद कर दिया गया है। हालांकि इसके बाद कीट वैज्ञानिक व कर्मचारियों ने फील्ड में जाकर सर्वे काम किया लेकिन मच्छरों को पकड़कर रखने की व्यवस्था नहीं होने से यह काम बाधित है।
यह संकट उस समय उत्पन्न हुआ है कि जब रोजाना एक तरफ जहां भारी तादाद में इंसेफ्लाइटिस के मरीज भर्ती हो रहे और मौतें हो रही हैं वहीं दूसरी तरफ विभिन्न स्थानों पर मिले डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा की वजह से इस बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है।
लैब व अन्य कमरे बंद होने के चलते संसाधनों का अभाव है। फिलहाल फील्ड सर्वे चल रहा है पर यदि स्थिति रही तो आगे सर्वे में मुश्किल आ सकती है
डा. वीके श्रीवास्तव, मंडलीय कीट वैज्ञानिक
सर्विलांस यूनिट के लैब व अन्य कमरे बंद होने संबंधी बात संज्ञान में आई हैं। जल्द ही इस संबंध में कार्रवाई कर दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
डा. डीएन त्रिपाठी, अपर निदेशक स्वास्थ्य
मामले की जानकारी मिली है। इस संबंध में जल्द कदम उठाया जाएगा। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डा. केपी कुशवाहा, प्राचार्य
बीआरडी मेडिकल कालेज