बदल दी आफिस की सूरत
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय की सूरत एक अफसर ने बदल दी। आज ईपीएफ कार्या
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय की सूरत एक अफसर ने बदल दी। आज ईपीएफ कार्यालय का सुंदरीकरण, हरियाली, फाइलों का रखरखाव व बेहतर कार्य संस्कृति के पीछे क्षेत्रीय आयुक्त डा. वीवीबी सिंह का संकल्प है। इसी संकल्प के बल पर इस कार्यालय को सड़ांध व गंदगी से मुक्ति मिली।
वर्षो की उपेक्षा के शिकार इस कार्यालय में जब 16 अगस्त 2011 को डा. वीवीबी सिंह क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त बनकर यहां आए तो, यहां की स्थिति बंसवाड़ी जैसी थी। बारिश का समय था। सड़कें टूटी थीं, परिसर तालाब में तब्दील था। चारो तरफ दुर्गध उठती थी जिनके बीच में रहना मुश्किल था। 80 हजार पेंशनभोगियों की फाइलें कार्यालय में इधर-उधर फेंकी सड़ रही थीं। जगह-जगह पान की पीक थी। बाथरूम की दुर्गध परिसर तक आती थी। कार्यालय के सभी सेक्शन व गैलरी आलमारियों से भरी थी। उन्होंने इसे व्यवस्थित कराई। इसमें क्षेत्रीय कार्यालय का पूरा सहयोग मिला।
मुख्य मार्ग जो कच्चा था उसे सीमेंटेड कराया। बाउंड्री व कार्यालय भवन की अंदर-बाहर पेंटिंग कराई। कार्यालय परिसर जो तालाब बना था, उसे ऊंचा कराकर जलनिकासी की व्यवस्था कराई। बाथरूम में टाइल्स व आटोमेटिक सेंसर वाले यूरेनल लगवाए। आरओ लगवाए। सभी कर्मचारियों के अलग-अलग केबिन बनवाए। रिसेप्शन पर जनता के बैठने की व्यवस्था की। सफाई व पौधों की देखरेख के लिए दो कर्मचारी नियुक्त किए गए। प्रतिदिन कार्यालय में दो वक्त झाड़ू-पोछा लगता है। इसकी मानीटरिंग की जाती है और सप्ताह में एक दिन क्षेत्रीय आयुक्त डा. वीवीबी सिंह स्वयं निरीक्षण करते हैं, ताकि सफाई व स्वच्छता की यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहे।
माता-पिता से मिली प्रेरणा
सफाई के प्रति माता-पिता ने ही संस्कारित किया। इसके बाद प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल में मानीटर था जो रोज सुबह छात्रों के साथ स्कूल की स्वयं सफाई करता था। बड़ा होने पर गांधीजी का स्वच्छता अभियान व उसका आजादी की लड़ाई में महत्व पता चला, फिर तो यह मेरे जीवन का हिस्सा हो गया।