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खुद का कारोबार शुरू करने को मुनीम ने गढ़ी थी लूट की कहानी

By Edited By: Published: Wed, 24 Sep 2014 02:31 AM (IST)Updated: Wed, 24 Sep 2014 02:31 AM (IST)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर

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कलेक्ट्रेट के सामने 16.30 लाख की लूट की घटना का पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर मंगलवार को पर्दाफाश कर दिया। दरअसल लूट की यह घटना हुई ही नहीं थी। पैसा हड़पने के लिए मुनीम ने लूट की कहानी गढ़ी थी। उसकी इस साजिश में उसका बहनोई भी शामिल था। दोनों को गिरफ्तार कर सारा पैसा बरामद कर लिया गया है। मुनीम ने बताया कि खुद का कारोबार शुरू करने के लिए उसने यह साजिश रची थी। इस कामयाबी पर एसएसपी आरके भारद्वाज ने पुलिस टीम को पांच हजार रुपये का नकद इनाम दिया है।

एसएसपी ने बताया कि इस मामले में बसंतपुर, राजघाट निवासी मुनीम, अमेश्वर उर्फ मोनू गुप्त और उसके साथ ही रहने वाले खड्डा, कुशीनगर निवासी उसके बहनोई दुर्गेश गुप्त को गिरफ्तार किया गया है। पुरंदपुर, महराजगंज के लक्ष्मीपुर स्थित गणेश एग्रो उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में मुनीम मोनू ने सोमवार को दिन में सवा एक बजे के आसपास सौ नंबर पर फोन कर 16.30 लाख रुपया बाइक सवार तीन बदमाशों द्वारा लूट लिए जाने की सूचना दी। उसने पुलिस को बताया कि बैंक रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक से फर्म का पैसा निकालकर बस्ती पहुंचाने ले जा रहा था। पैदल ही शास्त्री चौराहे पर टैंपो पकड़ने जा रहा था। इस दौरान कलेक्ट्रेट के सामने एक ही बाइक पर सवार होकर पीछे से आए मुंह बांधे तीन बदमाश असलहे के बल पर उससे रुपये से भरा झोला छीनकर शास्त्री चौराहे की तरफ भाग निकले।

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ऐसे खुला मामला : मुनीम ने बैंक के काउंटर नंबर तीन पर अपना चेक कैश कराया था। सीसी टीवी फुटेज से पता चला कि 10.25 बजे उसे सारा पैसा मिल गया था। इसके बाद पैंतीस मिनट तक वह बैंक में ही रुका रहा। ग्यारह बजे बैंक से बाहर निकला। फिर सवा एक बजे उसने लूट की सूचना दी। ग्यारह बजे से लेकर घटना होने के बीच के वक्त का पुलिस ने जब उससे हिसाब लेना शुरू किया तो वह फंसता चला गया। मुनीम ने बताया कि बैंक से निकलने के बाद वह पास ही स्थित क्रास द माल में गल्ला कारोबारी के कार्यालय उनसे मिलने चला गया। पूछताछ में गल्ला कारोबारी ने बताया कि थोड़ी देर उसके कार्यालय में रुकने के बाद मुनीम रुपये से भरा झोला वहीं रखकर कहीं चला गया था। करीब एक घंटे बाद बारह बजे के आसपास वापस लौटा और झोला लेकर चला गया। अब सवाल यह था कि बाकी बचे सवा घंटे तक वह कहां रहा। इसी सवाल के जवाब में वह उलझता चला गया। आखिर में उसने सच्चाई कबूल कर ली। हालांकि इसके बाद भी पैसा बरामद कराने के लिए वह घूमाता रहा। इसकी वजह से पुलिस को खड्डा, कुशीनगर तक का चक्कर लगाना पड़ा। बाद में अपने घर से उसने पैसा बरामद कराया।

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सीसी टीवी फुटेज में की थी संदिग्ध की पहचान : घटना की सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस मुनीम को साथ लेकर पहले बैंक पहुंची। वहां उसे सीसी टीवी कैमरे की फुटेज दिखाया गया। फुटेज में दिख रहे एक युवक को उसने लुटेरों में शामिल बताया था लेकिन इस फुटेज में वह युवक सामान्य ढंग से एक काउंटर से पैसा निकालते और उसके बाद स्वाभाविक ढंग से बाहर जाते हुए दिख रहा था। इसलिए मुनीम के दावे पर पुलिस को तभी संदेह हो गया था।

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लाज के सीसी टीवी कैमरे ने उजागर किया मुनीम का झूठ : मुनीम ने जिस स्थान पर लूट होने की घटना बताया था, उससे थोड़ी ही दूरी पर स्थित एक लाज में सीसी टीवी कैमरा लगा हुआ है। घटनास्थल तो उस कैमरे की जद में नहीं आ रहा था लेकिन उससे दस कदम की दूरी के बाद की सारी गतिविधि कैमरे में कैद हो रही थी। मुनीम ने बदमाशों के शास्त्री चौराहे की तरफ भागने की बात कही थी लेकिन उस कैमरे में एक ही बाइक पर सवार मुंह बांधे तीन बदमाशों के भागने का कोई रिकार्ड नहीं था। उस कैमरे की फुटेज से मुनीम का झूठ पकड़ लिया गया।

एसएसपी ने तत्काल दिया नकद इनाम : चौबीस घंटे के अंदर इस घटना का पर्दाफाश होने से प्रसन्न एसएसपी ने पत्रकार वार्ता के दौरान ही पुलिस टीम को नकद इनाम का भुगतान कर दिया। इनाम की राशि उन्होंने एसपी सिटी और सीओ कैंट को दी। उन्होंने बताया कि आइजी और डीआइजी ने भी पुलिस टीम को अलग से इनाम देने को कहा है।


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