गोरखपुर में खुलेगी केंद्रीय जल आयोग की यूनिट
गोरखपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश की नदियों की नियमित रुझान का पता लगाने के लिए शीघ्र ही गोरखपुर में केंद्रीय जल आयोग की यूनिट की स्थापना होने की उम्मीद है। भारत सरकार ने यहां यूनिट लगाने को हरी झंडी दे दी है।
गोरखपुर में अभी तक जल आयोग का जोन कार्यालय स्थापित है। बाढ़ के समय नदियों के जल स्तर की जानकारी इसके जरिए उपलब्ध होती है लेकिन यूनिट स्थापना के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश की नदियों के उतार-चढ़ाव, बाढ़ की स्थिति की निगरानी में सुविधा हो सकेगी। इसके अलावा नदियों के कैचमेंट एरिया के विस्तार की अद्यतन सूचना भी मिलती रहेगी। इससे खास फायदा यह होगा कि शासन को इस क्षेत्र में आपदा से निपटने की योजना तैयार करने में सुविधा होगी। यूनिट के लिए आयोग ने पत्र भेजा है। पत्र में इसके लिए एक एकड़ भूमि की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
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क्या है केंद्रीय जल आयोग
केंद्रीय जल आयोग जल संसाधन के क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख तकनीकी संगठन है। आयोग को संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जल विद्युत विकास के प्रयोजन के लिए जल संसाधनों के नियंत्रण, संरक्षण और उपयोग संबंधी योजनाओं को शुरू करने, समन्वय बनाने तथा उन्हें आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आयोग की होती है। आयोग जरूरत के अनुसार योजनाओं का निर्माण और निष्पादन का कार्य भी करता है।
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आयोग के प्रमुख कार्य
-मौजूदा बाधों के सुरक्षा पहलुओं का अध्ययन, दिशानिर्देश जारी करना -अनुसंधान और विकास क्रियाकलापों में समन्वय
-नदी घाटियों के विकास के लिए सर्वेक्षण, जाच तथा योजनाओं का डिजाइन
-जल संसाधन परियोजनाओं का तकनीकी-आर्थिक मूल्याकन
-अंतर्राज्यीय जल बंटवारा, विवादों से संबंधित मामले
-परियोजना प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास तथा पुनसर््थापना सहित पर्यावरणीय पक्ष
-जल संसाधन क्षेत्र में सुदूर संवेदी तकनीकों का प्रयोग
-त्वरित कार्यान्वयन और समय पर कार्य पूरा करने के लिए परियोजना मानीटरिंग
-परियोजनाओं के विस्तृत जल वैज्ञानिक अध्ययन, जल मौसम-वैज्ञानिक, तलछट तथा जल गुणवत्ता आकड़ों का संग्रह
-बाढ़ प्रबंध और बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली का विकास तथा प्रचालन