प्रदर्शनी में दिखीं देशभक्तों की वीरता
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : ब्रिटिश साम्राज्यवाद के अधीन वर्षो से परतंत्रता की जंजीरों में जकड़े भारतीय रणबाकुरों द्वारा स्वाधीनता के लिए 10 मई 1857 को प्रारंभ किया गया प्राणांतक संघर्ष विभिन्न चरणों एवं विचारधाराओं के साथ लगातार प्रगति करता हुआ 15 अगस्त 1947 को अपने लक्ष्य तक पहुंचा। देशभक्ति पूर्ण संघर्ष की इस वीरगाथा को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
यह प्रदर्शनी शुक्रवार को राजकीय बौद्ध संग्रहालय तारामंडल में लगाई गई। युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाने के उद्देश्य से लगायी गई प्रदर्शनी का शुभारंभ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ओम प्रकाश पांडेय ने दीप जला कर किया। प्रदर्शनी में स्वतंत्रता आंदोलन से मंगल पांडेय, तात्या टोपे, नाना साहब, भगत सिंह,रामप्रसाद बिस्मिल, सुभाष चंद्र बोस, झांसी की रानी, वीर कुवंर सिंह आदि कई और वीर सपूतों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया था। प्रदर्शनी में मेरठ,लखनऊ, कानपुर, झांसी में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के दुर्लभ अभिलेख के चित्रों को लगाया गया था। झांसी की रानी की वीरगति चर्बीयुक्त कारतूस प्रयोग करने से इंकार, भारतीय सैनिकों द्वारा बैरकों में आग लगाना, जेल तोड़कर 85 सैनिकों को मुक्त कराना, बहादुर शाह जफर और बेगम जीनत महल सहित कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के चित्रों को प्रदर्शित किया गया। मुख्य अतिथि ओम प्रकाश इस प्रदर्शनी की प्रशंसा की। संस्थान की ओर से उन्हें शाल भेंटकर सम्मानित किया गया। यह प्रदर्शनी 31 अगस्त सुबह 10.30 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी। इस मौके पर संग्रहालय के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।