पानी के लिए जूझ रहा महानगर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बिजली के अभाव में जलापूर्ति व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है। निर्धारित समय पर नलकूपों को बिजली न मिलने से न तो डायरेक्ट जल आपूर्ति हो पा रही है और न ही ओवरहेड टैंक भर पा रहे हैं। ऐसे में लोग पानी के एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। इससे आक्रोशित लोगों का गुस्सा कभी भी सड़क पर फूट सकता है।
नगर निगम द्वारा नलकूपों से सुबह पांच से दस, दोपहर में दो से पांच, शाम को पांच से दस बजे रात तक आपूर्ति की जाती है। इसके बाद ओवरहेड टैंकों को भरने का कार्य होता है, लेकिन नलकूपों के चलने के समय बिजली गुल हो जा रही है। दिन भर बीच-बीच में बिजली कटौती होते रहती है। शाम को लो-वोल्टेज के कारण नलकूपों का चलाना आपरेटरों के लिए संभव नहीं हो रहा है। ऐसे में पानी के लिए हाहाकार मच रहा है।
नगर निगम की जलापूर्ति पर निर्भर लोग सुबह उठ रहे हैं तो पानी नहीं मिल रहा है। घर की सफाई से लेकर चौका-बर्तन निपटाना महिलाओं के लिए मुश्किल हो रहा है। लोग बिना स्नान के रह रहे हैं तो बच्चों को स्कूल बगैर टिफिन और नौकरी-पेशा वालों को बगैर नाश्ता-भोजन किए कार्यालय जाना मजबूरी हो गई है। बिजली-पानी न मिलने से लोगों की दिनचर्या गड़बड़ा गई है।
बिजली न मिलने से लोगों के निजी बोरिंग और मोटर भी काम नहीं कर रहे हैं। आसपास घरों में साधारण हैंडपंप है तो ठीक, नहीं तो पानी खरीदकर लोगों को पीना पड़ रहा है। महानगर पेयजल संकट से जूझ रहा है।