यहां रेलकर्मी भी परेशान
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय स्टेशन पर यात्री ही नहीं रेलकर्मी भी परेशान हैं। यात्रियों की भांति उनको भी न्यूनतम सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। आलम यह है कि 10 माह बाद भी रूट रिले इंटरलाकिंग केबिन (आरआरआइबी) में रेलकर्मियों के लिए प्रसाधन केंद्र की व्यवस्था नहीं हो पाई। यही नहीं प्लेटफार्म नंबर 9 तक पार्सल ले जाने में कर्मचारियों के पसीने छूट जाते हैं। कोई पुरसाहाल नहीं है।
6 अक्टूबर 13 को रेलवे स्टेशन के यार्ड रिमाडलिंग का कार्य पूरा हुआ। इसके साथ ही स्टेशन पर रूट रिले इंटरलाकिंग केबिन भी स्थापित हो गया। यहीं से ट्रेनें संचालित की जाती हैं। पूरे यार्ड की मानीटरिंग यहीं से होती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार यहां एक शिफ्ट में 4 डिप्टी एसएस और 2 दो सहयोगी सहित कुल 6 लोग कार्य करते हैं। यानी, 24 घंटे में कुल 18 रेलकर्मियों यहां अपनी ड्यूटी बजाते हैं। लेकिन, आज तक यहां एक प्रसाधन केंद्र स्थापित नहीं हो पाया। यार्ड के बीच में केबिन होने के चलते रेलकर्मी प्लेटफार्म पर भी नहीं आ सकते। किनारे होने के चलते वे स्टेशन से कट गए हैं। ऐसे में उन्हें स्टेशन परिसर में खुले में ही जाना पड़ता है। जबकि, उनकी परेशानियों की जानकारी संबंधित अधिकारियों को है।
दूसरी तरफ यार्ड रिमाडलिंग के बाद प्लेटफार्म नंबर 1 से 9 तक जाने के लिए सिर्फ फुट ओवरब्रिज है। बुक किया हुआ सामान पार्सल घर से ले जाने और ले आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ठेलों को ब्रिज पर चढ़ाने और उतारने में ही पसीने छूट जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी मैकेनाइज लाउंड्री के कर्मचारियों को है। सभी मुख्य गाड़ियां प्लेटफार्म नंबर 2 से चलती हैं। ऐसे में उन्हें कंबलह-चद्दर और तकिया आदि लेकर ब्रिज पर चढ़ना पड़ता है। ठेला चलाने में कर्मचारियों की सांसें फूल जाती हैं।
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जीएम ने बुलाई
आपात बैठक
स्टेशन की अव्यवस्थाओं को पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कृष्ण कुमार अटल ने गंभीरता से लिया है। हालांकि, प्लेटफार्म के गड्ढों को दुरुस्त करने के लिए पहले ही उन्होंने निर्माण और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। लेकिन, सूत्रों की माने तो अन्य यात्री सुविधाओं पर जोर देने के लिए उन्होंने शनिवार को लखनऊ मंडल के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है।