इंसेफेलाइटिस पर बाल आयोग गंभीर, भेजी नोटिस
जागरण संवाददाता,गोरखपुर
पूर्वाचल में एक बार फिर इंसेफेलाइटिस के मरीजों की बढ़ती संख्या व मौतों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग गंभीर है। आयोग ने इस संबंध में नोटिस भेज कर प्रशासन ने बीमारी की वर्तमान स्थिति, अब तक बीमारी से बचाव व इलाज के लिए किए गए प्रयास एवं बनाई गई कार्ययोजना का विवरण मांगा है।
बताया जाता है कि हाल में आयोग की नोटिस मिलने के बाद से ही अधिकारी जवाब देने की तैयारियों में जुट गए। इसके लिए बीआरडी मेडिकल कालेज से ऐसे मरीजों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था का पूरा विवरण मंगाया गया। इसके अलावा बीमारी के बचाव के लिए विभिन्न विभागों द्वारा अब तक की गई कोशिशों की जानकारी इकट्ठा की गई। इसमें शुद्ध पेयजल के इंतजाम, टीकाकरण, फागिंग आदि के बारे में बताने के साथ ही खासतौर पर इंसेफेलाइटिस के इलाज के लिए पहली बार चुने हुए स्वास्थ्य केंद्रों को इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटरों में तब्दील करने की बात कही गई है।
हालांकि प्रशासन चाहे कितनी भी सफाई क्यों न दे पर मौके पर हालात अभी सुधरे नहीं हैं। पूर्वाचल में इंसेफेलाइटिस के इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज तक में इलाज की पूरी व्यवस्था नहीं है। डाक्टरों व कर्मचारियों की कमी तो है ही, यहां बनकर तैयार सौ बेड के वार्ड में भी डाक्टरों व कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। बिजली संबंधी कार्य पूरा नहीं होने से वेंटीलेटर आदि उपकरणों का चलना मुश्किल है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बचाव की बात करें तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। सूअरबाड़े अपनी जगहों पर कायम हैं। साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होने से बीमारी फैलने की संभावना बनी हुई है।
बाल आयोग की नोटिस मिलने के बाद इंसेफेलाइटिस की स्थिति, बचाव व इलाज के संबंध में जवाब तैयार कर भेज दिया गया है।
डा. डीएन त्रिपाठी, अपर निदेशक स्वास्थ्य