2.45 अरब के प्रस्तावों पर फिर मुहर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: जिला योजना में विकास के लिए लगातार तीसरे साल 2.45 अरब के प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। प्रभारी मंत्री व प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री राममूर्ति वर्मा की अध्यक्षता में जिला योजना समिति 2014-15 की हुई बैठक में जिले के 43 विभागों के लिए धन का परिव्यय सर्वसम्मति से अनुमोदित हुआ।
जिले के जनप्रतिनिधियों, विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में शनिवार को जीडीए सभागार में ढाई घंटे तक चली बैठक बिना किसी शोर शराबे के समाप्त हुई। जिलाधिकारी रंजन कुमार ने वर्ष 2013-14 में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष व्यय, कार्यो की विभागवार जानकारी देते हुए वर्ष 2014-15 की प्रस्तावित जिला योजना को अनुमोदन के लिए रखा। बैठक का संचालन मुख्य विकास अधिकारी कुमार प्रशांत ने किया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, विधायक फतेहबहादुर सिंह, संत प्रसाद, बृजेश सिंह, विजय बहादुर यादव, एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह, सदर सासद प्रतिनिधि शीतल पांडेय, जिला पंचायत सदस्य मदन किशोर तिवारी व अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
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प्रमुख विभागों की प्रस्तावित धनराशि (करोड़ में)
पशुपालन- 2.70
वन विभाग- 1.49
ग्राम्य विकास- .45
रोजगार कार्यक्रम- 14.21
निश्शुल्क बोरिंग- 4.19
पंचायती राज- 8.20
राजकीय लघु सिंचाई- 2.95
सड़क एवं पुल- 10.01
प्राथमिक शिक्षा- 1.24
माध्यमिक शिक्षा 10.14
प्राविधिक शिक्षा- 4.23
खेलकूद- 1.50
चिकित्सा एवं स्वास्थ- 8.88
परिवार कल्याण- .50
ग्रामीण पेयजल- 29.79
ग्रामीण स्वच्छता- 7.59
ग्रामीण आवास- 3.61
नगरीय पेयजल- 16.95
अनुसूचित जाति कल्याण- 2.58
पिछड़ी जाति कल्याण- 1.90
समाज कल्याण सामान्य जाति- 1.95
समाज कल्याण- 13.88
विकलाग कल्याण- 4.14
महिला एवं बाल विकास- 3.20
पोस्टमार्टम हाउस निर्माण- .86 करोड़
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छूटे प्रस्तावों को भी कर लें शामिल: प्रभारी मंत्री
प्रभारी मंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि यदि किसी जनप्रतिनिधि का प्रस्ताव छूट गया हो तो उसे भी सूची में शामिल कर लिया जाए। अधिकारियों से कहा कि विकास के जो भी कार्य कराएं उसकी सूची, अवमुक्त व खर्च धनराशि की रिपोर्ट जनप्रतिनिधियों को अवश्य उपलब्ध कराएं। मनरेगा से ग्राम पंचायतों में अधिक से अधिक कार्य कराएं।
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बैठक में उठीं ये समस्याएं
-बड़हलगंज से पटना घाट सड़क की खराबी
-गोरखपुर- पिपराइच मार्ग की बदहाली
- स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की गैरहाजिरी
-1059 में से 63 सरकारी नलकूपों की खराबी
-मनमाना बिजली कटौती, निर्माण कार्यो के समय से पूरा न होने की समस्या