बुखार के मरीजों को एइएस मान कर करें इलाज: डीजी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर
प्रदेश के डीजी हेल्थ डा. एएस राठौर ने अचानक रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहजनवां पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में मौजूद उपकरणों, सुविधाओं आदि का जायजा लिया। खासतौर पर इंसेफेलाइटिस के मरीजों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। डीजी ने कहा कि बुखार के सभी मरीजों को एइएस का मानकर इलाज किया जाए जिससे मौतों की संख्या कम हो सके। बुखार के सभी मरीजों का ब्लड स्लाइड बनाने के निर्देश दिए।
डा. राठौर सीएचसी में दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पहुंचे। लगभग बीस मिनट निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी एएनएम व आशा की बैठक करके सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी गांव में अगर किसी को बुखार होता है तो यह लोग उसकी तत्काल सूचना निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर देने के साथ मौके पर मरीज को दवा उपलब्ध कराएंगे। यदि उसके बाद रोग के गंभीर लक्षण दिखाई दें तो 102 या 108 नंबर पर सूचना देकर एंबुलेंस सेवा से पहले सीएचसी सहजनवां फिर आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल कालेज गोरखपुर भेजने का दायित्व एएनएम व आशा का होगा। डीजी हेल्थ ने निर्देश दिया कि मरीज किसी भी हालत में झोलाछाप डाक्टरों के चक्कर में नहीं आना चाहिए। इस कार्य में लापरवाही किसी सूरत में क्षम्य नहीं होगी। निरीक्षण के दौरान डा. राठौर के साथ एनआरएचएम के जीएम डा. अनिल कुमार मिश्रा, सीएमओ डा. आरपी गुप्ता, जिला मलेरिया अधिकारी डा. एके पांडेय, जिला कार्यक्रम प्रबंधन अधिकारी पंकज आनंद, डा. जेके सिन्हा एवं डा. मनोज झा सहित तमाम चिकित्सक व सीएचसी स्टाफ मौजूद रहे।
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शासन की टीम ने किया ईटीसी का निरीक्षण
उधर शासन की तरफ से आई टीम ने रविवार को रविवार को जिले में खासतौर पर इंसेफेलाइटिस मरीजों के इलाज के लिए इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटरों का निरीक्षण किया। टीम में मौजूद डा. उमाशंकर, डा. एसडी मिश्रा, डा. एएस रावत, डा. दर्शन सिंह नाबियाल अलग-अलग बांसगांव, पिपरौली, खोराबार, गोला, खजनी आदि स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और वहां आक्सीजन सिलिंडरों, सक्शन मशीनों के साथ अन्य उपकरणों व इलाज की सुविधाओं का जायजा लिया। खजनी स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अधिकारी वहां की व्यवस्था से असंतुष्ट दिखे।