Move to Jagran APP

सफाई के नाम पर बांट रहे बीमारी

By Edited By: Published: Thu, 24 Apr 2014 01:21 AM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 01:21 AM (IST)
सफाई के नाम पर बांट रहे बीमारी

जागरण संवाददाता, गोरखपुर :

loksabha election banner

केस 1- बुधवार। दिन के 1 बजे। छात्रसंघ चौराहा से सटे कसया रोड पर नाला से निकला कचरा सड़क पर पसरा है। कचरे से निकली गंदगी सड़क पर बिखर रही हैं। गुजरने वाले लोग वाहनों से कचरे को रौंद रहे हैं। तेज पछुआ हवा के झोकों के साथ गंदगी लोगों के फेंफड़ों तक पहुंच रही है। यह तब है जब इस रोड से रोजाना सैकड़ों मरीज अपना इलाज कराने अस्पतालों में पहुंचते हैं।

केस 2- शाम 4 बजे। सिविल लाइंस स्थित कार्मल ग‌र्ल्स इंटर कालेज वाली गली में नाला से निकला कचरा सड़क के किनारे फैला है। नाला से निकले पालीथिन सड़क पर बिखर रहे हैं। अंबेडकर चौराहा व डीएम आवास वाली सड़क के किनारे भी कचरे का ढेर लगा हुआ है। पास ही खाने वाले सामानों के ठेले लगे हैं। इस इलाके में छोटे बच्चों के दर्जनों कान्वेंट स्कूल हैं।

यह तो महज कुछ नजीर है। महानगर का वीआइपी इलाका सिविल लाइंस हो या घंटा घर की तंग गली। सड़क के किनारे नाला का कचरा जरूर दिख जाएगा। नालों की सफाई के नाम पर नगर निगम लोगों को बीमारियां बांट रहा है। नालों से निकली गंदगी जाने-अनजाने ही सही जनता को मरीज बना रही हैं। अब तो शहर में संक्रामक बीमारियों ने अपनी दस्तक भी दे दी है। बता दें कि सफाई कर्मचारी नालों की सफाई तो करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ गंदगी भी फैलाते हैं। वे नालों का कचरा सड़क पर फैला देते हैं। कचरे का निस्तारण समय से नहीं होता। वह कई दिन तक यूं ही सड़क पर पड़ा रहता है। सूखने के बाद बिखरने लगता है। जाम के दौरान स्थिति और भयावह हो जाती है। वाहनों के पहिए के जरिए गंदगी सड़क पर दूर-दूर तक फैल जाती है। यह पैरों के साथ घर तक चली जाती है। हवा में घुलकर वह शरीर के अंदर जाती है। उनपर भिनभिनाने वाली मक्खियां खाने-पीने के सामान तक पहुंचती हैं। महानगर में 230 छोटे-बड़े नाले हैं। दर्जनों की रोजना सफाई होती रहती है और कचरे सड़क पर फैलते रहते हैं।

----

क्या कहता है नियम

नालों की सफाई के दौरान ट्राली अनिवार्य है। नाला से कचरा निकलाने के बाद उसे सड़क पर न रखकर सीधे ट्राली में रखा जाए। फिर, ट्राली के जरिए निर्धारित स्थल पर कचरे का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

----

वर्जन,

व्यावहारिक दिक्कतों के चलते कचरे का निस्तारण निर्धारित समय से नहीं हो पाता है। त्वरित निस्तारण के लिए पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं हैं। इसके बाद भी पूरा प्रयास रहता है कि सड़क पर गंदगी न फैले। वैसे, संबंधित कर्मियों को निर्देश दे दिया गया है कि जल्द से जल्द कचरे का निस्तारण करें।

आरके त्यागी- नगर आयुक्त

---

चिकित्सकों की राय,

सड़क पर पसरी गंदगी इंफेक्शन का मुख्य स्रोत है। इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती है। सड़क के किनारे ही खाने-पीने वाले ठेले लगे रहते हैं। उसपर मक्खियां बैठती है। हवा भी दूषित हो जाता है। जिससे सांस की बीमारी की संभावना बनी रहती है।

डा. वीएन अग्रवाल, चेस्ट रोग विशेषज्ञ

----

सड़क पर पसरी गंदगी से मलेरिया, टायफाइड, पीलिया, डेंगू और चिकनगुनियां आदि बीमारियां फैल सकती हैं। कचरे पर बैठने वाली मक्खियां पेट की बीमारी बढ़ाती हैं तो गंदगी से पैदा होने वाले मच्छर और खतरनाक साबित होते हैं। सड़क पर फैला कचना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।

डा. चक्रपाणि पांडेय, वरिष्ठ फिजिशियन

----

नागरिकों की जुबानी,

कसया रोड निवासी भाष्कर कहते हैं कि चौराहे के पास अस्पतालों के सामने कई दिनों से कचरा पड़ा है। हवा के साथ गंदा धूल उड़ रहा है।

---

जेके दूबे तो कहते हैं कि स्थानीय मामले जो सीधे लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। उनकी तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है। कोई समस्या उठाने वाला नहीं है।

----

अनिल वर्मा तो नगर निगम की व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा करते हैं। कहते हैं कि अभी पिछले माह बड़ी चुनावी रैलियों में नगर की सड़कों को धुला गया था। ----

मुकेश गुप्ता कहते हैं, एक भी जनप्रतिनिधि आम आदमी की मूल समस्याओं के बारे में बात नहीं करता है। प्रशासन भी अपने हिसाब से व्यवस्था संचालित कर रहा हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.