इस मिनी नेपाल पर सबकी है नजर
गोरखपुर:
महानगर के कूड़ाघाट में नेपाल मूल के नागरिकों की बड़ी आबादी रहती है। इनमें से अधिकतर सेना के गोरखा रेजीमेंट के जवानों एवं पूर्व जवानों के परिवारीजन हैं, जो यहा के नागरिक और मतदाता भी हैं। उनकी अधिक संख्या के कारण ही लोग कूड़ाघाट क्षेत्र को मिनी नेपाल भी कहते हैं। चुनावों में यहा के लोगों की बड़ी भागीदारी होती है। वे जिस पर मेहरबान होते हैं उसका पलड़ा भारी हो जाता है। चुनाव को लेकर यहा के लोगों में बेहद उत्साह है। यही कारण है कि सभी दलों की नजर इन खास मतदाताओं पर टिकी है।
गोरखपुर के कूड़ाघाट एवं अन्य इलाकों में रह रहे नेपाली गोरखा की संख्या लगभग तीस हजार है। इनमें से लगभग 15 हजार मतदाता हैं। महानगर की आबादी के हिसाब से यह संख्या भले ही कम लगती हो लेकिन वोट के लिहाज से वे एक बड़ी ताकत हैं। इनका वोट एकतरफा पड़ता है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों की दृष्टि इनपर लगी हुई है। कूड़ाघाट, नंदानगर, रजही, दरगहिया, तारामंडल, इमलीघारी रेलवे स्टेशन, पादरी बाजार व पिपराइच में रह रहे गोरखा मतदाताओं के बीच राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों की आवाजाही बढ़ गई है। सभी उन्हें विकास और सुरक्षा की गारंटी का वादा कर अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे किसके साथ जाएंगे यह समय तय करेगा।
यहां रह रहे गोरखा दरअसल भारतीय सेना के वफादार माने जाते हैं। सेना में गोरखा जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वे यह काम कई पीढि़यों से कर रहे हैं। उनकी गोरखा रेजीमेंट गोरखपुर में है। सेना से सेवा निवृत्ति के बाद अधिकतर गोरखपुर में स्थायी रूप से बस गए। यहां जवानों के साथ उनके परिवारीजन एवं अन्य रिश्तेदार भी वर्षो से रहते हैं। अधिकतर भारतीय नागरिक बन चुके हैं। वे पूरी तरह गोरखपुरिया संस्कृति में रच-बस गये हैं।
कूड़ाघाट के मदन, कृष्णा राना, कृष्णा कुमारी क्षेत्री, कृष्णन क्षेत्री व सुरेंद्र क्षेत्री बताते हैं कि पहले नेपाल में तो वोट की परंपरा थी नहीं। जब हम यहां आए तो लोकतंत्र के उत्सव में लोगों को भागीदार बनते देखा। अब हमें भी वोट डालने का अधिकार मिल चुका है। हर्षोल्लास के साथ हम लोग वोट डालने जाते हैं। चाहे कितनी लंबी लाइन लगी हो, वोट डालकर ही वापस आते हैं।
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सुरक्षा देने वाली सरकार चाहिए
भारतीय गोरखा संगठन के अध्यक्ष डा. तारा क्षेत्री ने कहा कि भारत में ऐसी सरकार चाहिए जो हर वर्ग को सुरक्षा व नौजवानों को शिक्षा दे सके। बेरोजगारी व भ्रष्टाचार खत्म करे तथा नेपाल व भारत के संबंधों को और मजबूत करने की पहल करे।