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घरों में नई प्लानिंग 'टमाटर कम-कम'

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 11:36 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 11:36 PM (IST)
घरों में नई प्लानिंग 'टमाटर कम-कम'

गोंडा: सब्जियों के रवैये ने घरों का माहौल ही चेंज कर दिया है। जिन घरों में एक किलो टमाटर की खपत प्रतिदिन थी, उनमें अब ढाई सौ ग्राम में काम चलाया जा रहा है। सलाद से टमाटर को तो बाय ही बोल दिया गया है। यही वजह है कि अब घरों के मुखिया भी महिलाओं को नसीहत देने लगे हैं कि 'टमाटर कम'।

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आइए आपको ले चलते हैं, मालवीय नगर में रहने वाले एक परिवार में, पेशे से शिक्षिका अनीता के घर की रसोई का मिजाज आजकल बदला हुआ है। यहा पर खाना तो बनता है, लेकिन अब सब्जी में बस टमाटर का थोड़ा सा ही स्वाद मिल रहा है। सलाद से तो टमाटर बिल्कुल गायब ही है। यह तस्वीर किसी एक घर की नहीं, बल्कि महंगाई की मार से परेशान हर घर का यही हाल है। महंगाई के अटैक से सब्जी की दामों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी ने लोगों को परेशान कर दिया है। बावजूद इसके महंगाई को काबू करने का कोई प्रयास नजर नहीं आ रहा है।

सब्जियों के आसमान छू रहे दाम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। हर घर का किचेन बजट गड़बड़ा गया है। कोई टमाटर का दाम बढ़ने से परेशान है, तो कोई हरी सब्जियों के दाम को लकर उलझन में है। शिमला मिर्च 120 रुपए किलो बिक रहा है, तो हरी धनिया 300 रुपए किलो है। सब्जियों के दाम बढ़ने से जहा लोग परेशान हैं, वहीं पर प्रशासन बेफिक्र है। महंगाई से आम लोगों को निजात दिलाने के लिए किसी के पास कोई योजना नहीं है।

क्या बोली महिलाएं

- पिंकी तिवारी का कहना है कि महंगाई ने तो अब बेहाल कर दिया है। महंगाई से जहा किचेन का गणित गड़बड़ा गया है, वहीं पर सरकार ने आखें मूंद रखी हैं। वैसे प्रतिदिन एक किलो टमाटर लाते थे मगर अब ढाई सौ ग्राम में काम चलाया जा रहा है।

- नीलम सिंह का कहना है कि महंगाई ने तो मुश्किलें बढा दी है, अब तो सबिजयों से तौबा करना ही पडे़गा, कभी प्याज आख दिखा रहा है तो कभी टमाटर आखें तरेर रहा है। बढ़े दामों की वजह से सलाद से टमाटर आउट कर दिया गया है।

- उर्मिला का कहना है कि अब तो घर का गणित ही चौपट हो गया है। इस महंगाई के जमाने में मध्यम वर्ग का आदमी कैसे घर चलाएं यह बड़ी मुश्किल है। यह बात समझ में नहीं आती कि समय-समय पर सब्जियों के रेट इतने कैसे बढ़ जाते हैं।

- संगीता का कहना है कि सरकार को कम से कम महंगाई से निजात दिलाने का प्रयास करना चाहिए। टमाटर ने तो थाली का जायका ही बिगाड़ दिया है। नई सरकार से उम्मीद तो अच्छे दिनों की लगाए बैठे थे मगर आ गए हैं महंगे दिन।

- भानमती का कहना है कि आम जनता परेशान है, लेकिन नेताओं को कोई चिंता नहीं है। बढ़ती कीमतों पर अकुंश लगाने का कोई प्रयास नहीं हो पा रहा है। समझ में नहीं आता कि कौन सी सब्जी से काम चलाएं।

एक नजर सब्जियों के दामों पर

सब्जी एक सप्ताह पहले वर्तमान में दाम

आलू 20.00 24.00

टमाटर 40.00 120.00

कटहल 30.00 40.00

लोभिया 50.00 60.00

कददू 25.00 30.00

नोट- सब्जियों की कीमत प्रति किलो रुपए है।


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