667 करोड़ खर्च, नहीं बन सकी ग्राम पंचायत विकास योजना
संवादसूत्र, गोंडा: केंद्र सरकार की ग्राम पंचायत विकास योजना दो वर्ष बीतने के बावजूद नहीं बन सक
संवादसूत्र, गोंडा: केंद्र सरकार की ग्राम पंचायत विकास योजना दो वर्ष बीतने के बावजूद नहीं बन सकी है। यहां सिर्फ प्रशिक्षण के नाम पर रस्म अदायगी की गई। कार्ययोजना तो नहीं बनी, लेकिन अकेले देवीपाटन मंडल में 667 करोड़ रुपये विकास कार्य पर खर्च कर दिए गए। पंचायतीराज विभाग के निदेशक ने सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र जारी किए हैं।
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में ग्राम पंचायतों को बजट उपलब्ध कराने के लिए चौदहवें वित्त आयोग का गठन किया था। इसके तहत पंचायतों के खाते में सीधे धनराशि आवंटित की जानी थी। गांव में विकास कार्य के लिए पंचायतों की पंचवर्षीय कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसका नाम ग्राम पंचायत विकास योजना जीपीडीपी रखा गया था। कार्ययोजना में ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, स्वास्थ्य, कृषि, जलनिगम , पशुपालन, बाल विकास एवं पुष्टाहार, समाज कल्याण आदि विभागों की योजनाएं शामिल की जानी थी। पांच वर्ष की कार्ययोजना से प्रत्येक वर्ष कराए जाने वाले कार्यों की प्राथमिकताएं तय की जानी थी। कार्ययोजना निर्माण के लिए जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुए। बीते दो वर्षों में एक भी गांव की ग्राम पंचायत विकास योजना नहीं बन सकी है। पंचायतें चौदहवें वित्त व चतुर्थराज्य वित्त से कार्य कराने के लिए कार्ययोजना फीड करा रहीं है। बीते दो वर्षों में देवीपाटन मंडल की 3309 ग्राम पंचायतों में 667 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन ग्राम पंचायत विकास योजना नहीं बन सकी है। पंचायतीराज विभाग के निदेशक विजय किरन आनंद ने ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार कराने के लिए सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।