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गंदगी की भरमार, सांस लेना दुश्वार, दावा बेकार

गोंडा : स्वच्छता की रै¨कग में पिछड़ने के बाद भी शहर में स्वच्छता के लिए अभियान चलाया जा रहा है और न क

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jun 2017 11:05 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jun 2017 11:05 PM (IST)
गंदगी की भरमार, सांस लेना दुश्वार, दावा बेकार
गंदगी की भरमार, सांस लेना दुश्वार, दावा बेकार

गोंडा : स्वच्छता की रै¨कग में पिछड़ने के बाद भी शहर में स्वच्छता के लिए अभियान चलाया जा रहा है और न कोई पहल हो रही है। दावे तो बहुत हुए लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। सड़क से लेकर गलियों तक लोगों के घरों के सामने पॉलीथिन में कूड़ा बिखरा रहता है। नालियां चोक हो गई है जिससे जलनिकासी को संकट पैदा हो गया है। दुर्गंध उठने के कारण राह चलना दुश्वार हो गया है। कर्मी भी सफाई के बाद कूड़ा उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं। हवाओं के साथ ही कूड़ा नालियों में भट जाता है। अफसर भी धरातल पर उतरने को तैयार नहीं है। उनके दावे हवाई साबित हो रहे हैं। जिससे लगा दाग नहीं धुल पा रहा है।

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नगर में 27 वार्ड हैं। इन वार्डों में सफाई के लिए कर्मियों की तैनाती है। बावजूद इसके सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। इन वार्डों में डस्टबिन भी नहीं है। कूड़ा स्थल न निर्धारित होने से लोग घरों के सामने खाली स्थान पर कूड़ा फेंक देते हैं जो उड़कर नालियों में भट जाता है। राजा मोहल्ला में सफाई कर्मियों ने नालियों की सफाई की। कूड़ा उठाने के बजाए उसे साइड में रख दिया। हवाएं चलने के साथ ही कूड़ा नालियों में भट जाएगा। सफाई कर्मियों को संसाधनों का अभाव है। वार्डों में मकानों की संख्या अधिक हो गई है लेकिन पुराने अनुपात के हिसाब से कर्मियों को लगाया गया है जिससे उन्हें पूरे वार्ड में पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में सफाई नहीं हो पा रही है।

सभी की तय हो जवाबदेही

शहर को स्वच्छ रखने के लिए सभी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। तभी नगर को स्वच्छ बनाया जा सकेगा। घरों से निकलने वाले कूड़े को डस्टबिन में डाला जाना चाहिए। प्रत्येक वार्ड में कम से कम पांच से सात डस्टबिन रखवाए जाने चाहिए। कूड़ा स्थल का निर्धारण होना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वह घरों से निकलने वाले कूड़े को पालीथिन में न फेंके। पालीथिन पशुओं के लिए हानिकारक होने के साथ जलनिकासी को ठप कर देती है।

-स्वच्छता का मुद्दा सभी से जुड़ा है। सभी को जागरूक होना पड़ेगा। वार्ड के किसी एक व्यक्ति या महिला को स्वच्छता के लिए आगे आना होगा। धीरे-धीरे कारवां बनता जाएगा।

-रवि चौरसिया स्थानीय नागरिक

-इस कलंक को धुलने के लिए सभी को एकजुट होकर आगे आना होगा। आबादी के हिसाब से मोहल्ले में सफाई कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। वार्ड का दायरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। कर्मियों की तैनाती के मानकों में फेरबदल नहीं किया जा रहा है।

विपिन ¨सह, स्थानीय नागरिक

शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अफसरों को धरातल पर उतरना होगा। कागजों में दावा करने वाले अफसरों को कर्मियों की परेशानी से रूबरू होना चाहिए। ताकि वार्डों में सफाई व्यवस्था मुकव्वल हो सके।

बल्लू, स्थानीय नागरिक

-गंदगी को दूर करने के कोई प्रयास या पहल नहीं हो रही है। जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर तक दावे तो कर रहे हैं लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इससे लोग गंदगी से निजात नहीं पा रहे हैं।

शकील, स्थानीय नागरिक

शहर को साफ सुधरा बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। लोगों को स्वच्छता के लिए स्वयं जागरूक होना चाहिए। वार्ड के हिसाब से सफाई व्यवस्था का प्रबंध किया जा रहा है।

बलवीर ¨सह यादव, ईओ नगर पालिका


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