सचिव साहब के घर की शोभा बढ़ा रहे सरकारी लैपटॉप
गोंडा : इंटरनेट के जरिए सरकारी काम की स्पीड बढ़ाने के लिए सचिवों को दिया लैपटॉप घर की शोभा बढ़ा रहा
गोंडा : इंटरनेट के जरिए सरकारी काम की स्पीड बढ़ाने के लिए सचिवों को दिया लैपटॉप घर की शोभा बढ़ा रहा है। लैपटॉप होने के बावजूद सचिव सरकारी काम कागज व कलम से निपटा रहे हैं। हैरत तो इस बात की है कि स्मार्टफोन चलाने वाले साहब को लैपटॉप चलाना नहीं आता। अब सवाल ये है कि जब वह लैपटॉप नहीं चला सकते तो लिया क्यों। राज्य सरकार ने डा. राम मनोहर लोहिया पंचायत सशक्तीकरण अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 गांवों में तैनात सचिवों को लैपटॉप वितरण का फैसला किया थ। ये लैपटॉप शासन स्तर पर ही क्रय किए गए थे। सूत्रों की मानें तो एक लैपटॉप की कीमत करीब 68 हजार रुपये है। जिला प्रशासन ने जनवरी माह में जिले के 161 सचिवों को जिला पंचायत सभागार में लैपटॉप का वितरण किया था। अकेले गोंडा जिले में 1.09 करोड़ रुपये के लैपटॉप बांटे गए थे। पंचायतीराज विभाग द्वारा सचिवों को लैपटॉप चलाने संबंधी जानकारी देने के लिए दो बार प्रशिक्षण का आयोजन किया गया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। कोई भी सचिव लैपटॉप का उपयोग नहीं करा रहा है। फिलहाल, अफसर मामले में कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
केस-1
घर पर है लैपटॉप
-विकासखंड हलधरमऊ में तैनात रेरुवा के सचिव विवेकानंद ¨सह ब्लॉक परिसर स्थित एक सरकारी आवास में अपना कार्यालय बनाए हुए हैं। कमरे में एक चौकी के साथ ही कुछ कुर्सियां पड़ी हुई थीं। वह फाइलें पलट रहे थे लेकिन लैपटॉप नहीं था। पूछने पर बताया कि लैपटॉप घर पर है। जब जरूरत होगी लाऊंगा। सचिव जगजीत ¨सह भी अपना लैपटॉप घर पर रखे हुए थे।
केस-2
लैपटॉप चलाना नहीं जानते
-विकासखंड तरबगंज स्थित कार्यालय में ग्राम पंचायत अधिकारी विजय कुमार कागज हाथ में लिए पढ़ रहे थे। लैपटॉप के बारे में पूछने पर बताया कि घर पर है। हम चलाना नहीं जानते। घर पर बच्चे से कुछ टाइप करवाते हैं। ग्राम्य विकास अधिकारी रत्नाकर गुप्त भी अपना लैपटॉप लेकर नहीं चलते हैं।
इनसेट
-सचिवों को लैपटॉप ग्राम पंचायतों के कार्यों को निपटाने के लिए दिया गया है। खर्च की ऑनलाइन फी¨डग के साथ ही प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट लगाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। लैपटॉप का उपयोग न करके अगर घर पर रखा गया है तो ये गलत है। एडीओ पंचायत से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
-घनश्याम सागर, डीपीआरओ गोंडा