जन चेते न ही जिम्मेदार, गंदगी की भरमार
गोंडा: स्वच्छता की रै¨कग में पिछड़ने के बाद भी सूरतेहाल सुधर नहीं रही है। अभी भी शहरों में जगह-जगह गं
गोंडा: स्वच्छता की रै¨कग में पिछड़ने के बाद भी सूरतेहाल सुधर नहीं रही है। अभी भी शहरों में जगह-जगह गंदगी बिखरी हुई है। लोग अपने घरों से कूड़ा निकालकर उसे बगल में ही नाली व खुले स्थान पर डाल दे रहे हैं। जिससे जहां मोहल्लों में गंदगी की भरमार है, वहीं पर अव्यवस्थाएं हावी हैं।
शहर के 27 वार्डों में वैसे तो करीब 38 नाले हैं। इसके बाद भी अधिकांश नालों में कूड़ा करकट डंप है। सफाई कर्मियों की मानें तो सबसे ज्यादा दिक्कत नालों में पालिथीन के कारण आ रही है। लोग घरों से निकलने वाली पालिथीन को नालों में डाल देते हैं, जिससे जल निकासी की व्यवस्था चौपट हो जाती है। उसकी सफाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही शहर में कई मोहल्लों में सार्वजनिक शौचालय बने हुए हैं, जहां पर कूड़ा डंप किया जा रहा है। कूड़े के बीच से होकर लोग शौच के लिए जाने को विवश है। इसके अतिरिक्त शहर के मोहल्लों में कूड़ा घर न होने की बात कहकर पालिका भी अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा ले रही है। कांशीराम आवासों में रह रहे लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है। वहां पर घरों के सामने ही नालियों का पानी व कूड़ा डंप है, जिससे लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जागरण विचार
सोच बदलने की आवश्यकता
यह हमारा शहर है, इसे साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी हरेक की है। लेकिन हम एक दूसरे पर दोषारोपण करके अपने दायित्वों से हाथ खड़े कर दे रहे हैं। ऐसे में हमें अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है। हमें खुद आगे आने के साथ ही आम लोगों को भी जागरूक करना होगा। साथ ही अधिकारियों को भी स्वच्छता को लेकर आगे आना होगा।
इनसेट
पब्लिक बोल
पर्याप्त हों प्रबंध
शहर को स्वच्छ तभी किया जा सकता है, जब उसे आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जाय। इसके लिए सबसे पहले हर वार्ड की आवश्यकता के हिसाब से वहां पर पर्याप्त सफाई कर्मी की नियुक्ति की जाए। जिससे स्वच्छता अभियान को और तेजी से कराया जाए।
- रोहित उपाध्याय, स्थानीय नागरिक
बनाएं मास्टर प्लान
नगर को सुंदर बनाने के लिए पालिका को विशेष प्रयास करना चाहिए, उसे एक मास्टर प्लान तैयार करके कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए हर वार्ड की एक योजना बनाई जाय, जिसमें वार्ड सभासद के साथ ही समाज के प्रबुद्ध लोगों की सहभागिता होनी चाहिए।
- डॉ. प्रभाकर पांडेय, स्थानीय नागरिक
खुद आगे आएं
स्वच्छता के नाम पर एक दूसरे को लोग लंबी-लंबी सीख देते हैं लेकिन अब लोगों को खुद आगे आने की आवश्यकता है। शहर को सुंदर बनाने की जिम्मेदारी हर किसी की है। इसके लिए लोगों को आगे आकर स्वच्छता की एक मुहिम चलानी चाहिए।
- आराधना चतुर्वेदी, स्थानीय नागरिक
बंद हो पालीथिन का प्रयोग
स्वच्छता की राह में सबसे बड़ी समस्या पालीथिन के कारण है। ऐसे में सरकार को पालीथिन पर प्रतिबंध के लिए ठोस प्रयास करना चाहिए। लोगों को इसके खतरे के बारे में जागरूक करने के साथ ही अन्य तरीके से जागरूक करना चाहिए।
- श्वेता ¨सह, स्थानीय नागरिक
जिम्मेदार के बोल
शहर को साफ सुथरा रखने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। शहर को जोन वार विभाजित करके कार्य कराया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए बैनर व पोस्टर लगाया गया है। सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लेने की योजना बनाई गई है।
- बलवीर ¨सह यादव, ईओ नगर पालिका परिषद गोंडा