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102 एंबुलेंस का सच बताएंगे 20 हजार लाभार्थी

गोंडा: गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाने व उन्हें वापस घर तक पहुंचाने के लिए संचालित 102 एंबुल

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 12:08 AM (IST)
102 एंबुलेंस का सच बताएंगे 20 हजार लाभार्थी

गोंडा: गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाने व उन्हें वापस घर तक पहुंचाने के लिए संचालित 102 एंबुलेंस सेवा जांच के घेरे में आ गई है। पिछले दिनों लखनऊ में हुए सत्यापन में गड़बड़ी का मामला पकड़े जाने के बाद अब इस पर कार्रवाई तेज हो गई है। जनवरी माह में 12 से अधिक ट्रिप वाले करीब 20 हजार लाभाíथयों से एंबुलेंस सेवाओं का सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को इन कॉलों की लिस्ट दी गई है, जिसके आधार पर सत्यापन किया जाना है।

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जिले में 102 एंबुलेंस के तहत कुल 40 एंबुलेंस संचालित है। यह सीएचसी के साथ ही महिला अस्पताल में है। इसके माध्यम से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से घर लाने व उन्हें अस्पताल पहुंचाने की सुविधा दी जा रही है। पिछले दिनों जनवरी माह में शासन स्तर पर जब एंबुलेंस सेवाओं की समीक्षा की गई तो अधिकारी यह देख चौंक पड़े कि एक एबुलेंस एक ही दिन में 12 से अधिक फोन कॉलों को कैसे अटेंड किया। इसके बाद अब जनवरी माह में ऐसी सभी कॉलों का जांच के आदेश दिए गए हैं, जिन्होंने एक ही दिन में 12 से अधिक ट्रिप लगाया है। मामले की जांच सीएमओ को सौंपी गई है। जिसमें एंबुलेंस के रिकार्ड का मिलान अस्पतालों में उपलब्ध अभिलेखों के साथ ही ओपीडी रजिस्टर, इंडोर रजिस्टर व 102 हेल्प डेस्क रजिस्टर के मिलान के आधार मिलान किया जाएगा। इसके लिए 20 हजार ऐसे लाभाíथयों की सूची दी गई है, जिन्हें 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ दिए जाने का दावा किया जा रहा है। सीएमओ डॉ. उमेश ¨सह यादव ने बताया कि डीजी परिवार कल्याण ने जांच के आदेश दिए हैं, जिस पर अधिकारियों को लगाया गया है। सत्यापन में फर्जी कॉल मिलने पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

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पहले भी आ चुके हैं मामले

- एंबुलेंस सेवाओं में गड़बड़ी का यह कोई नया मामला नहीं है, इससे पहले भी पिछले माह सत्यापन में खामी का मामला पकड़ा जा चुका है। उस वक्त ऐसे लाभाíथयों का जिक्र किया गया था, जिनका गोंडा से कोई वास्ता ही नहीं था। हालांकि इसकी रिपोर्ट उसी वक्त डिप्टी सीएमओ डॉ. गयासुल हसन ने शासन को भेजी थी।

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देना होगा प्रमाणपत्र

- 102 एंबुलेंस सेवाओं के सत्यापन के बाद सीएमओ को इस आशय का प्रमाणपत्र देने को कहा गया है कि उनके द्वारा सभी कॉलों का सत्यापन कर लिया गया है। साथ ही संबंधित अभिलेख भी सुरक्षित रख लिए गए हैं। इसमें गड़बड़ी पर संबंधित अधिकारी पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।


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