नई तकनीक के मंत्र से खोजेंगे कामयाबी का रास्ता
गोंडा : खेती में क्या नया किया जाए, कौन से यंत्र कितने फायदेमंद हैं। फसल उत्पादन के लिए क्या करना चा
गोंडा : खेती में क्या नया किया जाए, कौन से यंत्र कितने फायदेमंद हैं। फसल उत्पादन के लिए क्या करना चाहिए। ये सारी जानकारियां किसानों को एक मंच पर मिलेगी। किसान नई जानकारियों के सहारे कामयाबी का रास्ता ढूंढ सकेंगे। कृषि विभाग सूबे के सभी ब्लॉकों में गोष्ठी का आयोजन करेगा। जिसमें विभागीय अफसरों के साथ ही कृषि वैज्ञानिक, मौसम वैज्ञानिक, तकनीकी जानकार हिस्सा लेंगे। गोष्ठी में किसानों को फसल उत्पादन के नये तरीकों से भी रुबरु कराया जाएगा। गोष्ठी का आयोजन 15 मई से शुरू होगा। किसान हरसाल रबी, खरीफ के साथ ही जायद की खेती करती है। सामान्य तौर तरीके की खेती से किसानों को पूंजी निकालना भी मुश्किल हो जाता है। आपदा की स्थिति में तो सबकुठ गवां कर किसान हाशिए पर चला जाता है। किसानों को नई तकनीक से जोड़ने के लिए योजनाएं तो चलाई जा रही हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में किसान इसका लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे में किसानों की आर्थिक स्थिति में अपेक्षा के अनुसार सुधार नहीं हो पा रहा है। कृषि विभाग ने खरीफ की खेती से पहले किसानों को जागरूक करने का फैसला किया है। ब्लॉक स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन कर सरकारी योजनाओं की जानकारी के साथ ही नई तकनीक के बारे में रुबरु कराया जाएगा। गोष्ठी में एक विभाग नहीं, बल्कि कृषि से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी हिस्सा लेंगे। एक दिवसीय गोष्ठी में उन्नतिशील खेती करने वाले किसान भी जानकारियां साझा करेंगे। ये गोष्ठी सूबे में 15 से शुरू होगी, इसके लिए ब्लॉकवार कार्यक्रम जारी कर दिए गए हैं। संयुक्त निदेशक कृषि आरसी शुक्ल ने बताया कि ब्लॉकवार कार्यक्रम आयोजन के लिए उप निदेशक कृषि को पत्र जारी किए गए हैं।
किसानों को मिलेंगे कृषि यंत्र
-किसान गोष्ठी में कृषि, सहकारिता, कृषि रक्षा, पशुपालन, मत्स्य विभाग, ग्राम्य विकास, उद्यान विभाग, वन विभाग, पंचायतीराज, मंडी समिति, नेडा, सिचाई, नलकूप व बिजली विभाग स्टॉल लगाएगा। गोष्ठी में ही उन्नतिशील बीज, सोलरपंप, कृषि यंत्र व कृषि रक्षा उपकरण का वितरण किया जाएगा। मेले में क्रय की गई सामग्री की रसीद भी स्टॉल पर किसानों को दी जाएगी।
नोडल अफसर करेंगे निगरानी
-ब्लॉक स्तर पर आयोजित होने वाली गोष्ठी को सफल बनाने के लिए मॉनीट¨रग कराई जाएगी। डीएम प्रत्येक गोष्ठी के लिए राजपत्रित अधिकारी को नोडल अफसर नामित करेंगे। इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी गोष्ठी में प्रतिभाग करेंगे।