बापू की पुण्यतिथि पर कुष्ठ मुक्त भारत का संकल्प
गोंडा: सेहत महकमे ने कुष्ठ मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने की रणनीति तैयार की है। प्रदेश के सभी ज
गोंडा: सेहत महकमे ने कुष्ठ मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने की रणनीति तैयार की है। प्रदेश के सभी जिलों में इस बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी पर एक नया अभियान शुरू किया जा रहा है। इस दिन गांवों में संकल्प लेने के साथ ही एक पखवारे तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। स्वास्थ्य महानिदेशक पदमाकर ¨सह ने 30 जनवरी से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत डीएम की अपील जारी की जाएगी। इसे ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ग्राम सभा के सदस्यों के सामने पढ़ेंगे। साथ ही कुष्ठ मुक्त भारत का संकल्प दिलायेंगे। अभियान में लोगों से सवाल-जवाब भी किया जायेगा। नोडल अधिकारी डॉ. एसजी हसन ने बताया कि अभियान को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
क्या है दिक्कत
- पिछले दस सालों से कुष्ठ रोग में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है। यह स्थिति लगभग स्थिर है। दरअसल, अभी समाज में कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति छिपे हुए हैं। देर से इलाज में आने के कारण उनमें दिव्यांगता का स्तर बढ़ रहा है। ऐसे छिपे हुए कुष्ठ रोगियों के कारण शिशुओं में संक्रमण हो रहा है।
क्या है कुष्ठ रोग
- कुष्ठ एक साधारण रोग है। यह लेप्रा बेसिलाई नामक जीवाणु से फैलता है। यह छुआ छूत का रोग नहीं है। अगर समय से रोग की पहचान व जांच शुरूआत में ही करा ली जाय एवं पूरा उपचार किया जाय तो यह पूरी तरीके से ठीक हो जाता है।
क्या है लक्षण
- त्वचा पर एक या एक से अधिक लाल, फीके रंग का दाग या धब्बा हो सकता है। जिसमें सुन्नपन व सूखापन हो, पसीना न आता हो, खजुली, जलन, चुभन न होती हो, यह कुष्ठ रोग हो सकता है।
- शरीर, चेहरे, भौहों, कानों के ऊपर सूजन अथवा गांठ होना, त्वचा पर दाने या तैलीय चमक दिखाई पड़े।
- हाथ पैर में सूखापन, सुन्नपन एवं कमजोरी होने पर भी कुष्ठ की जांच करायें।
क्या करें
- अगर कोई इस बीमारी से ग्रसित है तो गांव की आशा, स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करके उसकी जांच करावें। सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्री जांच की सुविधा है। मल्टी ड्रग थेरेपी से इस रोग का पूरी तरह से उपचार संभव है।