न चली पब्लिसिटी वैन, न ही कोई आह्वान
गोंडा: परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सेहत महकमे की पुरुष नसबंदी पखवारा मनाने की योजन
गोंडा: परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सेहत महकमे की पुरुष नसबंदी पखवारा मनाने की योजना धराशायी हो गई। 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक कार्यक्रम होने थे लेकिन सब फाइलों में कैद होकर रह गए। नतीजन, सब कुछ रस्म अदायगी बनकर रह गया। पखवारा बीत गया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए सेहत महकमा प्रयास कर रहा है। इसके लिए 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवारा मनाने का निर्देश दिया गया। जिला स्तरीय अधिकारियों को इसकी मानीट¨रग की जिम्मेदारी दी गई लेकिन कोई भी आयोजन नहीं हुआ। नतीजन, न तो कहीं पर जागरूकता फैलाने संबंधी कार्यक्रम किए गए, न ही अन्य आयोजन। निर्देश दिया गया था कि एएनएम व आशा घर-घर भ्रमण करें, पुरुष लाभार्थियों का विवरण तैयार करें। जो पुरुष नसबंदी करा चुके हैं, वे अन्य लोगों को प्रेरित करें। इसमें जनप्रतिनिधियों को जागरूक करना चाहिए। अधिकारियों को कैलेंडर बनाकर टीम का गठन करने को कहा गया था। इस पखवारे का नारा दिया गया था कि परिवार नियोजन में साझेदारी, अब होगी पुरुषों की सक्रिय भागीदारी। इसके प्रचार के लिए मोबाइल पब्लिसिटी वैन चलाया जाना चाहिए था, जो गांव-गांव जाकर लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करना था। इसके बाद भी सब कुछ फाइलों में कैद रहा।
उलझे रहे अफसर
- 21 नवंबर से शुरू हुए पखवारे के भीतर ही सीएमओ डॉ. अमर ¨सह कुशवाहा का तबादला हो गया। इसके बाद कई दिनों तक चार्ज को लेकर कवायद चलती रही। डॉक्टरों की लिस्ट मांगी गई। जिसके बाद डॉ. राकेश अग्रवाल को सीएमओ की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद पूर्व सीएमओ के करीबियों को हटाने का मामला आने के बाद विभागीय अफसर इसी में उलझे रहे।
एक भी सर्जन नहीं
- हालांकि पुरुष नसबंदी पखवारे के भीतर जिले में एक भी पुरुष नसबंदी नहीं हो सकी। हालांकि इससे पहले 23 पुरुष नसबंदी कराने का दावा किया जा रहा है। दरअसल, पूर्व सीएमओ खुद सर्जन होने के कारण नसबंदी कर देते थे लेकिन अब जिले में एक भी पुरुष सर्जन ऐसा नहीं है, जो पुरुष नसबंदी कर सके।
मांगी जा रही रिपोर्ट
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अमरनाथ ने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवारा मनाने के लिए सभी अधीक्षकों को जिम्मेदारी दे दी गई थी। रिपोर्ट मांगी जा रही है।