गैर जनपदों से आए शिक्षकों की काउंसि¨लग तो हुई मगर तैनाती नहीं
गोंडा: शासन के निर्देश पर स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत दूसरे जिले से ट्रांसफर होकर आए शिक्षक यहां टहल
गोंडा: शासन के निर्देश पर स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत दूसरे जिले से ट्रांसफर होकर आए शिक्षक यहां टहल रहे हैं। इन्हें विभागीय अफसर अभी तक स्कूल नहीं मुहैया करा सके हैं। जबकि इनकी काउंसि¨लग हुए दस दिन बीत चुके हैं। 280 विद्यालयों में पद भी रिक्त है।
180 शिक्षक स्थानांतरित होकर जिले में आए हैं। 10 सितंबर के बाद इन्हे स्कूलों में तैनात करना था। इसके लिए तत्कालीन बीएसए शिवेंद्र प्रताप ¨सह ने 19 सितंबर को अंतरजनपदीय स्थानांतरण वाले सभी शिक्षकों से विकल्प लेकर काउंसि¨लग कराई लेकिन उनका स्थानांतरण हो गया, जिसके बाद से शिक्षक स्कूल के लिए टहल रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में अध्यापकों की कमी से शिक्षण कार्य सुचारू रूप नहीं हो पा रहा है। यहां से 280 शिक्षक ट्रांसफर होकर दूसरे जिले में चले गए हैं। इनके पद भी रिक्त हैं। इसके बावजूद नए बीएसए इन अध्यापकों पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। विभागीय अफसरों की लापरवाही से काउंसि¨लग कराने के बाद भी 180 शिक्षक टहल रहे हैं। इसमें 18 महिलाएं भी शामिल हैं जो रोज बीएसए कार्यालय दौड़ने को विवश है। ऐसा नहीं है कि इससे केवल अध्यापकों को ही परेशानी है बल्कि परिषदीय स्कूलों में पढाई भी पिछड़ रही है। लेकिन इस सबसे अंजान अफसर अपने अलग राग पर काम कर रहे है।
खेल की संभावना
- दूसरे जिले से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों को तैनाती न देने में खेल की संभावना जता रहे हैं। एक शिक्षक नाम न छापने की शर्त पर कहते है कि हमारी काउंसि¨लग कराने के बाद भी स्कूलों में तैनाती न देना यही दर्शा रहा है। शिक्षक भी बीएसए आफिस में हाजिरी लगाकर टहल रहे हैं।